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रक्षा मंत्रालय के अफसरों पर पेंशनर्स ने लगाए घपले के आरोप

पदाधिकारियों ने मांग की है कि आरोपों की सीबीआई से जांच कराई जाये।

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लखनऊ

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Laxmi Narayan

Nov 13, 2017

Pensioners Forum

लखनऊ. रक्षा मंत्रालय के रक्षा लेखा विभाग के अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार और तानाशाही का आरोप लगाते हुए पेंशनर्स फोरम के बैनर तले रिटायर्ड और कार्यरत कर्मचारियों ने लखनऊ स्थित मध्य कमान के प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक कार्यालय पर प्रदर्शन किया। फोरम के विशिष्ट सलाहकार राजेश कुमार शुक्ला ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के नेतृत्व में भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की गई है। महामंत्री आनंद अवस्थी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय में घपले हो रहे हैं। कानपुर में अस्पतालों के फर्जी खाते संचालन कर करोड़ों रूपये की हेराफेरी हो रही है। कानपुर के बर्रा थाने में इस सम्बन्ध में 8 अक्टूबर को शिकायती पत्र दिया गया और 11 अक्टूबर को डीएम से मामले को अवगत कराया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

फोरम के पदाधिकारियों ने मांग की है कि प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक मध्य कमान लखनऊ और लेखा नियंत्रक कानपुर व दुर्ग अभियंता स्वतंत्र कानपुर कैंट के खिलाफ लगे आरोपों की सीबीआई से जांच कराई जाये। कानपुर सहित सीजीएचएस के औषधालयों की स्थिति खराब है और विशिष्ट चिकित्सक, आयुर्वेद व होमियोपैथिक औषधालयों की कमी है। कानपुर में विगत चार महीने से पेंशनरों के बिलों का भुगतान नहीं हुआ है। इसके अलावा संविदा पर रखे हुए चिकित्सक और कर्मचारियों का भुगतान नहीं हुआ है। दवा की आपूर्ति करने वाले पांचों आपूर्तिकर्ताओं ने चार माह से भुगतान न मिलने के कारण दवा की आपूर्ति बंद करने का नोटिस दे दिया है। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि फर्जी आंकड़े दिखाकर फंड को सरेंडर किया गया और लोगों को दवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

पेंशनर्स फोरम ने इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन लखनऊ के डीएम को सौंपा। प्रदर्शन के दौरान बी पी विक्रम, एम आर डे, सुरेंद्र सिंह, उमेश श्रीवास्तव, त्रिभुवन सिंह, आर पी मिश्रा, रघुवीर सिंह, बी पी श्रीवास्तव, विनोद यादव, यू एस दीक्षित, हनुमान प्रसाद द्विवेदी, आर एम श्रीवास्तव, महावीर यादव, चंद्रशेखर, तपेंद्र वर्मन, अब्दुल मजीद, रमेश चंद्र, अशोक अवस्थी, धीरेन्द्र नाथ, सीताराम, शिव शंकर, राम सेवक, एस सी भाटिया, वी पी तिवारी, एस के दुबे, मोती लाल गुप्ता, एस बी श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।