
यूसीसी नियमावली में संशोधन की मांग पर वकीलों ने कार्यबहिष्कार किया
Lawyers boycotted work:यूसीसी लागू होने के कारण विवाह पंजीकरण ऑनलाइन होने और रजिस्ट्री की व्यवस्था भी पेपरलैस होने से अधिवक्ता आक्रोशित हैं। अधिवक्ताओं ने कल देहरादून सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्यबहिष्कार करते हुए सीएम को ज्ञापन भेजा। कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। साथ ही रजिस्ट्री की व्यवस्था भी ऑनलाइन कर दी गई है। कहा कि इन दोनों ही प्रक्रियाओं में अधिवक्ताओं की भूमिका बरकरार रखी जाय। बार एसोसिएशन देहरादून के अध्यक्ष राजीव शर्मा बंटू और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट ने कहा कि जमीनों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया पेपरलैस होने जा रही है। सरकार की तरफ से इसके संबंध में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वर्चुअल रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू होने से खरीददार और विक्रेता घर बैठे ही रजिस्ट्री करा लेंगे। इससे अधिवक्ताओं, स्टांप वेंडरों और टाइपिस्टों का काम खत्म हो जाएगा। कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से विवाह और वसीयत पंजीकरण साइबर कैफे से ऑनलाइन हो रहे हैं। पहले यह प्रक्रिया भी अधिवक्ता कराते थे। इस प्रक्रिया में भी उनके अधिकार छीने गए हैं।
अधिवक्ताओं ने कहा कि यूसीसी लागू होने से पहले रजिस्ट्री और विवाह पंजीकरण के कार्य उनके ही माध्यम से होते थे। लेकिन अब विवाह रजिस्ट्रेशन लोग घरों में बैठकर ही कर रहे हैं। अब राज्य में रजिस्ट्री व्यवस्था भी पेपरलैस होने जा रही है। इसका सीधा असर अधिवक्ताओं पर पड़ेगा। उन्होंने यूसीसी नियमावली संशोधित करने की मांग भी उठाई। चेतावनी दी की यदि नियमावली में तत्काल संशोधन नहीं किया गया तो प्रदेश भर के अधिवक्ता आंदोलन पर उतर आएंगे।
वकीलों की हड़ताल के कारण रजिस्ट्रार कार्यालय में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उधर, ऋषिकेश में शैल विहार स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में भी रजिस्ट्री का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित रहा। इससे रजिस्ट्री कराने पहुंचे लोग मायूस होकर लौटते दिखे। वकीलों से संबंधित अन्य कार्यों के लिए शहर व आसपास के इलाकों से आए लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। उधर, ऋषिकेश, परवादून और बाजपुर में भी अधिवक्ता हड़ताल पर रहे।
Updated on:
15 Feb 2025 01:15 pm
Published on:
15 Feb 2025 01:14 pm
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