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MLC चुनाव जीतने के बाद राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप की मुसीबत बढ़ी, जानें अब क्या हुआ

locationलखनऊPublished: Apr 23, 2022 07:37:10 am

Submitted by:

Prashant Mishra

Akshy Pratap Singh पिछले दिनों फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के आरोपी पर सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह को 7 साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद पुलिस ने अक्षय प्रताप सिंह को जेल भेज दिया था। जेल जाने के दो दिन बाद अपर जिला जज ने जमानत के साथ सजा पर रोक लगा दी थी। चुनाव के बाद अब रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह की जमानत को खारिज कर दिया है। जिला जज संजय शंकर पांडे ने अक्षय प्रताप सिंह की जमानत को खारिज कर दिया है वहीं इनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया है।

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Akshy Pratap Singh ‌रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के सबसे करीबी अक्षय प्रताप सिंह भले ही बीते दिनों हुए एमएलसी चुनाव(MLC Election) जीत गए हो लेकिन इन दिनों अक्षय प्रताप सिंह की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अक्षय प्रताप सिंह की जमानत को कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। वहीं, कोर्ट की ओर से अक्षय प्रताप सिंह के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
अक्षय को कोर्ट ने माना था दोषी

Akshy Pratap Singh पिछले दिनों फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के आरोपी पर सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह को 7 साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद पुलिस ने अक्षय प्रताप सिंह को जेल भेज दिया था। जेल जाने के दो दिन बाद अपर जिला जज ने जमानत के साथ सजा पर रोक लगा दी थी। चुनाव के बाद अब रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह की जमानत को खारिज कर दिया है। जिला जज संजय शंकर पांडे ने अक्षय प्रताप सिंह की जमानत को खारिज कर दिया है वहीं इनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया है।
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एमएलसी चुनाव में दर्ज की है जीत

Akshy Pratap Singh बीते दिनों मिली जमानत के बाद रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह एमएलसी चुनाव में लड़े और शानदार जीत हासिल की है। जिस मामले में अक्षय प्रताप सिंह की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं वह 20 साल पुराना मामला है। ‌शहर के पते पर लाइसेंस बनवाने के मामले में तात्कालिक कोतवाल डीपी शुक्ला ने अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। 15 मार्च को एमपी एमएलए कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह को दोषी करार दिया था। 23 मार्च को कोर्ट में सजा सुनाते हुए अक्षय प्रताप सिंह को 7 साल की सजा और 10000 रुपये का अर्थदंड सुनाया।
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