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लखनऊ/अमेठी. जून की गर्मी में यूपी की सियासत भी गर्म होने जा रही है। 14 जून से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने दो दिवसीय दौरे पर अमेठी आ रहे हैं। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। राहुल अमेठी के विकास कार्यों का मुआयना व क्षेत्र की जनता से संवाद करेंगे साथ ही किसान पंचायत में भी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा इफ्तार पार्टी में भी शिरकत करेंगे।
अहम है ये दौरा
राहुल का ये दौरा कई मायनों में अहम माना रहा है।एक तरफ जहां बीजेपी केंद्र सरकार के चार साल पूरे होने पर समर्थन के लिए संपर्क अभियान चला रही है। ऐसे में कांग्रेस की तरफ से यूपी में होने वाले हमले की अगुआई राहुल अपने संसदीय क्षेत्र से ही करेंगे। बीजेपी के संपर्क अभियान के खिलाफ कांग्रेस ने पहले ही अपने ब्लॉक स्तरीय सम्मेलन की घोषणा कर रखी है। माना जा रहा है कि यह सम्मेलन 15 जून से शुरू होंगे। पहले इन्हें पांच जून से शुरू करना था।
बीजेपी सरकार को घेरने का प्लान
माना जा रहा है कि राहुल गांधी यूपी में बीजेपी पर हमले की कमान अपने ही हाथ रखेंगे। माना जा रहा है कि चुनावी साल में राहुल गांधी संसदीय क्षेत्र के दौरे छोटे अंतरालों पर करते रहेंगे। इसमें वह केंद्र की बीजेपी सरकार को निशाने पर रखेंगे और उनका फोकस केंद्र में सरकार बनने के पहले पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादों की जमीनी हकीकत से जनता को वाकिफ कराएंगे।
अहम होगा ये दौरा
सूत्रों की मानें तो यह दौरा कई मायनों में अहम हैं। एक तरफ बीजेपी लगातार अमेठी-रायबरेली में कांग्रेस को घेरने का प्रयास कर रही है दूसरी तरफ यूपी में बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस सपा-बसपा-आरएलडी संग महागठबंधन में भी शामिल हो सकती है। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश संगठन में भी बड़े बदलाव होने हैं। उसको लेकर चर्चा हो सकती है। हालांकि कांग्रेस के एक सीनियर लीडर का कहना है कि राहुल गांधी केवल अमेठी की जनता से संवाद के लिए आ रहे है। बता दें कि पिछले दिनों स्मृति ईरानी भी अमेठी आई थीं और बीजेपी से जु़ड़े सूत्रों की मानें तो वह इस बार भी अमेठी से चुनाव लड़ सकती हैं।
प्रदेश संगठन में जल्द हो सकते है बदलाव
कांग्रेस के यूपी संगठन में भी जल्द बदलाव के चर्चे हैं। बीते दिनों राजबब्बर की जगह यूपी में नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं तेज हो गई थीं। जितिन प्रसाद का नाम लगभग तय हो गया था लेकिन कर्नाटक चुनाव ने कांग्रेस को स्ट्रैटेजी में बदलाव करने को मजबूर कर दिया है। दरअसल पहले कांग्रेस यूपी में ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की सोच रही थी। इसे 'प्लान ए' भी माना जा रहा था। ऐसे में यूपी में पार्टी को संगठन में बड़े बदलाव करने थे लेकिन अब महागठबंधन को ध्यान में रखते हुए पुराने चेहरों पर ही कांग्रेस दांव लगा सकती है। सूत्रों की मानें तो 'प्लान बी' में अब यूपी में राजब्बबर, प्रमोद तिवारी और संजय सिंह की भूमिका अहम रहेगी। जितिन प्रसाद को भी कोई अहम रोल मिल सकता है। वहीं यूपी में महागठबंधन को लेकर कोशिशें तेज हैं। हालांकि ये कितना संभव है ये आने वाले दिनों मेें ही पता चलेगा।
Published on:
11 Jun 2018 03:16 pm
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