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ट्रेन में सीट कन्फर्म न होने पर कोर्ट ने भेजा अवमानना का नोटिस

रेलवे में सीट कन्फर्म न होने पर एक अफसर को रेलवे कोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया है।

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लखनऊ. रेलवे में सीट कन्फर्म न होने पर एक अफसर को रेलवे कोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के बाद रेल महकमे में हड़कंप मचा गया है। मामले में रेलवे के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। जिस अफसर को नोटिस भेजा गया है, उसने जवाब दाखिल करने के लिए समय माँगा है। रेलवे के उच्च अफसरों को मामले से अवगत कराया गया है।

डीसीएम को जारी हुआ नोटिस

पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कैलाश कुमार की कोर्ट से पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ के डीसीएम दयानन्द यादव को नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में कहा गया है कि न्यायालय द्वारा दिनांक 25-04-2018 को इमरजेंसी कोटा के लिए विभाग को पत्र लिखा गया था। फाइनल चार्ट बन जाने पर पता चला कि पत्र में भेजे गए पीएनआर का कोटा स्वीकृत नहीं हुआ है। वैयक्तिक सहायक सुधीर श्रीवास्तव ने फोन पर जानकारी ली तो बताया गया कि पीएनआर फार्म पर रेलवे मजिस्ट्रेट की जगह वैयक्तिक सहायक के हस्ताक्षर थे, जिस कारण कोटा अस्वीकृत कर दिया गया।

बिना पूर्व सूचना के व्यवस्था में परिवर्तन

जारी नोटिस में आगे लिखा गया है कि कोर्ट के वैयक्तिक सहायक को ही इमरजेंसी कोटा फार्म पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत किया गया है और यह व्यवस्था काफी समय से चल रही है। दिनांक 25-04-2018 को मनमाना रवैया अपनाते हुए कोटा नहीं दिया गया। यदि पूर्व में सुस्थापित प्रक्रिया में विभाग ने किसी तरह का बदलाव किया था, तो इसे कोर्ट के संज्ञान में लाया जाना चाहिए था। नोटिस में आगे लिखा है कि तानाशाही व मनमाने तरीके से सुस्थापित व्यवस्था में बिना परिवर्तन की सूचना दिए पीएनआर कोटा नहीं दिया गया।

कोर्ट में हाजिर होने का आदेश

कोर्ट से अफसर को जारी नोटिस में कहा गया है कि यह कृत्य प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध है और न्यायालय की गरिमा को ठोस पहुंचाने का प्रयास किया गया है। यह न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है जो कि दंडनीय अपराध है। नोटिस में आदेशित किया गया है कि सम्बंधित पीएनआर कोटा का फार्म और वैयक्तिक सहायक के द्वारा हस्ताक्षरित 20-04-2018 से 25-04-2018 तक सभी फार्म अपने स्पष्टीकरण के साथ न्यायालय के सामने 26-04-2018 को प्रस्तुत हों।

रेलवे अफसरों ने साधी चुप्पी

इस मामले में पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की डीआरएम विजयलक्ष्मी कौशिक से बात करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका। जन संपर्क अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। सम्बंधित डीसीएम दयानन्द यादव ने बताया कि उन्हें नोटिस मिला है। उन्होंने जवाब लिए समय माँगा है। साथ ही रेलवे के अफसरों को भी मामले से अवगत करा दिया गया है।