30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजा भैया, धनंजय सिंह और बृजभूषण सिंह, बिना चुनाव लड़े चर्चा में हैं ये बाहुबली नेता

Lok Sabha Elections 2024: यूपी के चुनावी रण में तीन चेहरे ऐसे भी हैं, जो सीधे तौर पर मैदान के महारथी तो नहीं हैं लेकिन उन पर सभी की नजरें हैं। ऐसे चेहरों में पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह और बाहुबली धनंजय सिंह शामिल हैं।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Aman Pandey

May 19, 2024

Raja bhaiya

Lok Sabha Elections 2024: प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से राजा भैया 1993 से लगातार विधायक हैं। पूर्वांचल के प्रमुख ठाकुर नेताओं में शुमार राजा भैया इन दिनों बेहद चर्चा में हैं।

राज्यसभा में साथ तो लोकसभा में दूर क्यों राजा भैया आखिर वो किस बात पर इतने नाराज हैं। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। पहली यह कि राज्यसभा में भाजपा का साथ देने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि कौशांबी और प्रतापगढ़ सीटों पर भाजपा टिकट देने से पहले उनसे चर्चा जरूर करेगी। मगर ऐसा नहीं हुआ। कौशांबी के भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर से उनकी नाराजगी की खासी चर्चा भी रही है। बता दें कि कौशांबी लोकसभा में प्रतापगढ़ जिले की दो विधानसभा कुंडा और बाबागंज शामिल हैं। दोनों ही सीटों पर राजा भैया के जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का कब्जा है।

मैदान से बाहर कितने कारगर होंगे बृजभूषण

मैदान से बाहर कितने कारगर होंगे बृजभूषण के दांव इस फेहरिस्त में दूसरा नाम हैवीवेट सांसद बृजभूषण शरण सिंह का है। बृजभूषण को भाजपा ने टिकट नहीं दिया। मगर इस बाहुबली सांसद को नाराज करने का जोखिम भी पार्टी ने नहीं उठाया। इसलिए उनके बेटे करण भूषण सिंह को मैदान में उतारा। बृजभूषण भी पूरब के प्रमुख ठाकुर नेताओं में शुमार हैं। उनका प्रभाव कैसरगंज, गोंडा से लेकर बहराइच सहित कई सीटों पर माना जाता है।

जेल जाने के बाद से चर्चा में धनंजय सिंह

कितनी राहत देंगे धनंजय तीसरा नाम जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का है। चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच धनंजय को एक मामले में जेल जाना पड़ा। मगर उन्होंने अपनी पत्नी श्रीकला को बसपा से मैदान में उतार दिया था। अप्रत्याशित रूप से पहले धनंजय सिंह जमानत पर बाहर आए और उसके बाद श्रीकला चुनावी मैदान से ही बाहर हो गईं। अब नतीजे बताएंगे कि धनंजय मैदान से बाहर रहकर भाजपा के लिए कितने कारगर रहे।