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रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट, सूर्य की रोशनी से चलेंगे नलकूप

- सीएम योगी ने रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एण्ड एक्सपो इन्वेस्ट-2020 को किया संबोधित- सोलर पावर परियोजनाओं की स्थापना को भूमि पर 100 फीसद स्टांप ड्यूटी में छूट- इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष के लिए 100 फीसद की छूट का है प्रावधान

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लखनऊ

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Neeraj Patel

Nov 27, 2020

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एण्ड एक्सपो इन्वेस्ट-2020 (थर्ड आरई इन्वेस्ट) को सम्बोधित किया। प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा नीति-2017 प्रख्यापित की है। इस नीति के अन्तर्गत वर्ष 2022 तक कुल 10,700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनाओं की अधिष्ठापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें 6,400 मेगावाट यूटीलिटी स्केल सौर विद्युत परियोजनाओं एव 4,300 मेगावाट रूफटाॅप सोलर पावर प्लाण्ट की स्थापना का लक्ष्य सम्मिलित है। सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए इस नीति में विभिन्न प्रोत्साहन भी प्राविधानित किये गये हैं। इसके अन्तर्गत, ऑनलाइन सिंगल विण्डो क्लियरेंस की व्यवस्था, सोलर पावर परियोजनाओं की स्थापना हेतु भूमि पर 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी में छूट, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष के लिए शत-प्रतिशत छूट, सोलर पावर प्लाण्ट हेतु पर्यावरण क्लियरेंस लिए जाने हेतु छूट दी गई है। इसके साथ ही, थर्ड पार्टी को पावर सेल अनुमन्य किया गया है।

इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कृषकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कुसुम योजना प्रारम्भ की गई है। उत्तर प्रदेश में भी इस योजना को लागू करने की व्यवस्था की गई है। इस योजना हेतु भारत सरकार से 75 मेगावाट क्षमता के लक्ष्य की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसके लिए कृषकों के चिन्हीकरण हेतु बिडिंग की कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है। इसके योजना के माध्यम से किसान सूर्य की रोशनी से सोलर प्लांट के जरिए नलकूप चलाकर अपनी खेती की सिंचाई कर सकेंगे। पीएम मोदी द्वारा अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल सोलर पावर प्लांट योजना के अंतर्गत जनपद झांसी तथा जनपद ललितपुर में 600-600 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना की सैद्धांतिक सहमति भी प्रदान की गई है। भारत सरकार की अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल सोलर पावर प्लांट योजना के अंतर्गत जनपद जालौन में 1,200 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना की सैद्धांतिक सहमति पीएम मोदी से प्राप्त हो गई है। इस पार्क की स्थापना यूपीनेडा के संयुक्त उपक्रम, बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लिमिटेड द्वारा की जाएगी।

पारेषण लाइन का व्यय वहन कर रही यूपी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सोलर परियोजना के ग्रिड संयोजन हेतु पारेषण लाइन का व्यय सरकार वहन कर रही है। 05 से 10 मेगावाट पर 10 किमी, 10 से 15 मेगावाट पर 15 किमी और 50 मेगावाट से अधिक पर 30 किमी पारेषण लाइन का व्यय सरकार वहन करेगी। इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष के लिए 100% की छूट दी गई है। पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए थर्ड पार्टी को पावर सेल अनुमन्य किया गया है, जिसमें इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन चार्जेज पर 50% तथा इंटर-स्टेट पर 100% तक छूट दिए जाने का प्रावधान भी है। यूपी में 6,400 मेगावाट यूटिलिटी व 6,300 मेगावाट रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य तय किया गया है। सौर ऊर्जा नीति-2017 के तहत ऑनलाइन सिंगल-विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था,परियोजनाओं की स्थापना हेतु भूमि पर 100% स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी गई है।

2017 में निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए बनाई गई थी नीति

सीएम योगी ने कहा कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए सोलर पावर परियोजनाओं की स्थापना एवं सोलर पावर पार्क के विकास का प्रावधान भी यूपी सरकार ने किया है। नीति के अंतर्गत 2020 तक 10,700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनाओं के अधिष्ठान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उत्तर प्रदेश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए 2017 में नीति बनाई गई थी। इसके तहत थर्ड पार्टी विक्रय के लिए ओपन एक्सेस सुविधा उपलब्ध है। ऊर्जा की खपत और उत्पादन विकास का मुख्य आधार है। सोलर एनर्जी से उत्तर प्रदेश बड़े पैमाने पर ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है। सोलर एनर्जी और बायो फ्यूल की यूपी में असीमित सम्भावनाएं हैं।

अब तक 13,791 सोलर स्ट्रीट लाइटों की हो चुकी स्थापना

योजना के प्रथम चरण में चयनित राजस्व ग्रामों में अब तक 13,791 सोलर स्ट्रीट लाइटों की स्थापना की जा चुकी है तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2,500 सोलर स्ट्रीट लाइटों की स्थापना प्रस्तावित है। योजना के अंतर्गत प्रदेश में ऐसे सभी घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युतीकृत किया जाना है, जिन्हें ग्रिड लाइन के माध्यम से विद्युतीकृत किए जाने में कठिनाई है। इसके अंतर्गत लगभग 01 लाख घरों को सोलर पावर पैक के माध्यम से विद्युतीकृत किए जाने का लक्ष्य है। अभी तक लगभग 45,000 घरों में सोलर पावर पैक स्थापित किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य विकास योजना के अंतर्गत चयनित राजस्व ग्रामों में वैकल्पिक मार्ग प्रकाश व्यवस्था हेतु सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना की जा रही है।