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महान संगीतज्ञ बनने के लिए कठोर अभ्यास आवश्यक है, अच्छा संगीत शब्द और भाषा से परे – राज्यपाल

भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

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लखनऊ

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Anil Ankur

Nov 26, 2019

UP Governor Anandiben Patel

UP Governor Anandiben Patel

लखनऊ . उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ के नवें दीक्षान्त समारोह में विद्यार्थियों को पदक और उपाधि प्रदान करने के बाद उन्हें सम्बोधित करते हुए कहा कि कला, संगीत और साहित्य न केवल किसी राष्ट्र की पहचान बनते हैं, बल्कि यह स्वयं जीवन का उत्सव बन जाते हैं। भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति है तथा समय के साथ चलते रहना भारतीय संस्कृति की सबसे अनूठी बात है। राज्यपाल ने कहा कि संगीत एक साधना है तथा संगीत आत्मा की भाषा है। अच्छा संगीत, शब्द और भाषा से परे है। इससे मानव को सुख, उल्लास तथा दिव्यानन्द की अनुभूति होती है।

आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि पूर्वजों से मिली सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान प्रकट करें। संगीत, नृत्य और नाटक सभी के लिए बहुत अधिक अनुशासन और रियाज की जरूरत होती है, क्योंकि कड़ी मेहनत एवं अभ्यास से ही इन कलाओं में महारत हासिल की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे महान संगीतकार घण्टों समय अभ्यास में ही बिताते हैं तभी उनको महान कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे कलाकारों और संगीतज्ञों को नई पीढ़ी के युवाओं में भारतीय संस्कृति और कला के प्रति सम्मान उत्पन्न करने और उन्हें शास्त्रीय संगीत व नृत्य सीखने के लिये प्रेरित करना होगा।


इससे पहले राज्यपाल ने आज संविधान दिवस के अवसर पर समारोह में उपस्थित लोगों को संविधान में उल्लिखित कर्तव्यों को याद दिलाते हुए कहा कि मूल कर्तव्यों के प्रति जागरूकता एवं संवेदनशीलता बढाने को प्राथमिकता दिया जाना आवश्यक है। मूल कर्तव्यों का पालन करने से ही अधिकारों का भी संरक्षण होगा क्योंकि मूल अधिकार व मूल कर्तव्य एक दूसरे के पूरक हैं।