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लखनऊ

गरीब बच्चों का मजाक उड़ा रहा योगी का शिक्षा विभाग, RTE के तहत एडमिशन में भी घोटाला

Uttar Pradesh RTE Update: आरटीई यानि शिक्षा का अधिकार। लेकिन सरकार और विभाग बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही। ऐसे स्कूल आबंटित कर दिए, जो असितत्व में हैं ही नहीं।

लखनऊMay 18, 2022 / 12:31 am

Snigdha Singh

आरटीई के तहत प्रदेश में ऐसे स्कूल भी बच्चों को प्रवेश के लिए आवंटित कर दिए गए हैं, जहां ताला लटका है। अभिभावक जब यहां बच्चों का प्रवेश कराने गए तो खुलासा हुआ। स्कूल बंद होने की स्थिति में विभाग ने इन्हें विकल्प देने से भी इनकार कर दिया है। आरटीई के तहत अभी पहले चरण के प्रवेश भी पूरे नहीं हो पाए हैं। दाखिला सुनिश्चित कराने के लिए हर स्कूल में एक एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (शिक्षक) तैनात किया गया है। सभी एसीएम को प्रवेश के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया है। लेकिन तब भी गरीब छात्रों को न तो प्रवेश मिल रहा और न सुनवाई हो रही है। करीब 150 स्कूल ऐसे है, जो आरटीई के बच्चों प्रवेश के लिए आबंटित किए गए। कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां ताला बंद हो चुके हैं तो कई स्कूल हैं जो कुछ न कुछ बहाना बनाकर प्रवेश लेने से इंकार कर रहे।
बंद हो चुका स्कूल, 20 छात्रों का प्रवेश अटका
कानपुर में 20 छात्रों को ऐसा स्कूल आबंटित कर दिया गया, जो बंद हो चुका है। बच्चे जब स्कूल प्रवेश लेने पहुंचे तो स्कूल खोजते रहे मिला ही नहीं। बाद में पता चला कि स्कूल ही बंद हो गया। छात्रा तबस्सुम ने बताया कि काफी समय बाद पता चला कि इसी नाम से एक स्कूल दूसरी जगह खुल गया। लेकिन यहां बच्चों के अलग से आवंटन हुए हैं। अब तबस्सुम भटकने को मजबूर है। इसी तरह प्रदेश से कई शिकायतें है जहां अभिभावक स्कूल तलाश रहे, लेकिन मिल नहीं रहे।
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स्कूलों का है आरोप की विभाग से नहीं मिली फीस
जब अभिभावक स्कूल पहुंच रहे तो प्रशासन विभाग से फीस न मिलने की बात कहकर प्रवेश लेने से इंकार कर रहे। शिकायतकर्ताओं ने बीएसए से लिखित शिकायत में कहा कि स्कूल ने यह कहते हुए प्रवेश लेने से इनकार कर दिया कि दो साल से सरकार से आरटीई में प्रवेश की फीस नहीं मिली है। ऐसे में विद्यालय किसी भी छात्र को प्रवेश देने में असमर्थ हैं। हालांकि स्कूल को बीएसए की ओर से भेजी गई लिस्ट लौटाने पर पहले ही नोटिस दिया जा चुका है।
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रिजल्ट थमाकर लौटा दिया
शिक्षा विभाग में शिकायत लेकर पहुंची नूरबानो का रहना है कि उनकी बेटी का अलीगढ़ पब्लिक स्कूल में सत्र 2021-22 में प्रवेश हुआ था। वर्तमान सत्र में बच्चे का प्रवेश लेने से मना कर दिया गया है। फीस मांगी जा रही है। अप्रैल से शिकायत कर रहे हैं लेकिन प्रवेश नहीं दिया गया। इस स्कूल को भी नोटिस मिल चुका है। स्कूलों के चक्कर लगाते दो महीने हो गए। कहीं सुनवाई ही नहीं हो रही।

हर दिन पहुंच रहीं शिकायत, नहीं मान रहे स्कूल
अभिभावक जब पत्र लेकर स्कूल जा रहे हैं तो प्राइवेट स्कूल प्रवेश से साफ इनकार करने लगे हैं। वे कई तरह के बहाने बना रहे हैं। बीएसए कार्यालय में बनाई गई विशेष सेल में रोज 40-50 लिखित शिकायतें पहुंच रही हैं। अब तक कुल आठ हजार बच्चों के नाम पहली और दूसरी लिस्ट में आ चुके हैं। पर 30 फीसदी भी प्रवेश पूरे नहीं हो पाए हैं। 70 फीसदी में बड़ी संख्या में अभिभावक अनेक कारणों से घरों में बैठ गए हैं। विशेष सेल में रोज 100-150 अभिभावक शिकायत के लिए पहुंच रहे हैं। चार को नोटिस मिल चुका है फिर भी यहां प्रवेश नहीं लिए गए हैं।

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