9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सीएम योगी के कार्यक्रम में बिजली गुल मामले में सपा का बड़ा हमला

गुरुवार को सीएम योगी के कार्यक्रम में बिजली गुल होने के मामले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Abhishek Gupta

Sep 21, 2018

Akhilesh Yogi

Akhilesh Yogi

लखनऊ. गुरुवार को सीएम योगी के कार्यक्रम में बिजली गुल होने के मामले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। समाजवादी पार्टी ने इसको लेकर योगी सरकार पर हमला किया है और कहा है कि भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकारें जनता को बहकाने की कोशिश में स्वयं ही बेनकाब होते जा रही है। आपको बता दें कि गुरुवार को कानपुर रोड पर होटल-रेस्त्रा महासंघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में सीएम योगी के सम्बोधन के दौरान बिजली गुल हो गई थी जिससे सीएम योगी भी नाखुश थे।

अफसरी दावों पर कोई विश्वास नहीं करता है-

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इस पर कहा कि इससे पूर्व भी लोकभवन की बैठकों में तथा निवेशकों के साथ बैठक में भी बिजली गायब रही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के बिजली की अबाध आपूर्ति के झूठ दावों की बराबर पोल खुल रही है। उस पर भी यूपी के सभी घरों को दिसम्बर 2018 तक रोशन करने का दावा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा राज में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। राजधानी लखनऊ तक में बिजली की आंख मिचैली का खेल लगातार दिन में कई-कई बार हो रहा है, लेकिन कोई भी देखने सुनने वाला नहीं है। अफसरी दावों पर कोई विश्वास नहीं करता है।

सपा सरकार में हुआ था ये-

उन्होंने समाजवादी सरकार में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते नए विद्युत उपकेन्द्र बने थे और विद्युत परियोजनाओं से बिजली का उत्पादन दो गुना हो गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 16 घंटे तथा शहीरी क्षेत्रों में 20 से 24 घंटे तक विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गई थी। अखिलेश यादव ने ऊर्जा सेक्टर के ढांचे में सुधार किया। राज्य विद्युत उत्पादन निगम की स्थापित क्षमता में वृद्धि की गई। तापीय और सौर ऊर्जा के उत्पादन पर विशेष बल दिया गया। श्री अखिलेश यादव द्वारा ही ललितपुर और कन्नौज में सोलर पावर प्लांटो का लोकार्पण किया गया।

भाजपा सरकार ने सब कुछ बिगाड़ा-

राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार ने बिजली व्यवस्था में सुधार के बजाए उसको पूरी तरह बिगाड़ कर रख दिया है। वैसे उन्हें जनहित का कोई भी काम करने में रूचि नही है। उनके लिए चुनाव के मद्देनजर जातियों-उपजातियों के सम्मेलन करना ज्यादा जरूरी काम है। बिजलीघरों की क्षमता बढ़ाने के बजाए वे जनता को कैसे ज्यादा परेशान किया जाए इसके प्रयोग और खोज में शक्ति लगाते रहते हैं। उनकी कारोबारी समझ है कि जनता को सुख सुविधा देने के काम के बजाए जाति-धर्म के बहकावे में वोट हासिल कर लेना ज्यादा फायदेमंद होगा। लेकिन अब जनता भी समझ गई है कि उसकी समस्याओं के निदान के बजाए भाजपा उन्हें ज्यादा उलझाने का काम करती है। वह इसका सन् 2019 में उचित समय आने पर समुचित जवाब देने को तैयार बैठी है।