
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही एसआई व कांस्टेबल के 47 हज़ार पद पर भर्तियां निकलेगी। जिसमें से उप निरीक्षक के लिए लगभग 5 हज़ार और कॉन्सटेबल के 42 हज़ार पदों पर भर्ती के लिए नए सिरे से आवेदन भरे जाएंगे।
बता दें की इससे पहले उत्तर प्रादेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने कांस्टेबल के पदों भर्ती के लिए डीजीपी मुख्यालय की ओर से भेजा गया प्रस्ताव लौटा दिया गया था। पीसीएस के लिए पदों के निर्धारण में पेंच फ़सने के कारण बोर्ड ने नए सिरे से प्रस्ताव माँगा था। सूत्रों के अनुसार डीजीपी मुख्यालय अब पीएसी के लिए 18 हज़ार और नागरिक पुलिस के लिए 24 हज़ार कांस्टेबल के पदों भर्ती करना चाहता है। पहले यह संख्या 50 हज़ार से अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही थी। इस तरह अब कुल 42 हज़ार कांस्टेबल के पदों भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
पीएसी में कांस्टेबल के 18 हज़ार पद इसलिए दिए जा रहे हैं क्योंकि पीएसी से ही राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) और स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन भी किया जाना है। इसी प्रकार महिला एवं पुरुष एसआई के नए पांच हज़ार पदों पर भी भर्ती की जाएगी। डीजीपी मुख्यालय की और से इस बाबत अधियाचन भेजे जाने की तैयारी चल रही है। नए साल में उन एसआई को भी तैनाती मिलने की उम्मीद है जिनके लिए लिखित परीक्षा ऑनलाइन कराइ जा चुकी है।
डीजीपी ने भेजा था प्रस्ताव
यूपी सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद 13 सितंबर 2017 को उत्तर प्रदेश के डीजीपी सुलखान सिंह ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को 42 हजार सिपाहियों की भर्ती का प्रस्ताव भेज दिया था। इन 42 हजार भर्तियों में से 7000 पीएसी और 37 हजार पद सिविल पुलिस के होंगे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया से परीक्षा की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। नियमावली में बदलाव के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने विज्ञापन जारी कर परीक्षा कराने के लिए एजेंसियों को आमंत्रित किया है।
Published on:
01 Jan 2018 09:41 am
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