
sathi app launched and more than Rs 20000 crores IT in UP
हस्ताक्षरित
लखनऊ: 22 फरवरी, 2018
भारत सरकार के केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद एवं उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक मंत्री डा0 दिनेश शर्मा की उपस्थिति में आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट 2018 में 21 हजार करोड़ रूपये निवेश के 22 एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हुये। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद एवं उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने ’’ई-साथी मोबाइल एप’’ का शुभारम्भ किया। इसके अन्तर्गत लगभग 20 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध होंगी। इस एप को एन0आई0सी0 की उत्तर प्रदेश की इकाई ने विकसित किया है।
केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने ’’आई0टी0 एण्ड आई0टी0ई0एस0: सर्विंग द् वल्र्ड’’ विषय पर आयोजित समिट को सम्बोधित करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्यमियों के लिये निवेश का जो माहौल तैयार किया है, वह आगे चलकर मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि जनता की शक्ति के लिये डिजिटल शक्ति चाहिए। टेक्नालाॅजी की शक्ति के उपयोग से ही भारत में क्रान्तिकारी बदलाव लाया जा सकता है। आज 130 करोड़ की आबादी वाले भारत में लगभग 121 करोड़ मोबाइल फोन का उपयोग हो रहा है, जिसमें 40-45 करोड़ लोग स्मार्ट फोन का उपयोग कर रहे हैं तथा 120 करोड़ लोग आधार से जुड़े हुये हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्षेत्र में भारत को विश्व लीडर बनना है। उन्होंने कहा कि ओपो और सैमसंग के नोयडा में विस्तार के लिये केन्द्र सरकार ने 6774 करोड़ रूपये की योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 118 मोबाइल फोन फैक्ट्रियाॅ है, जिसमें नोयडा क्षेत्र में 54 फैक्ट्रियाॅ हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के लिये गर्व की बात है कि नोयडा क्षेत्र से लगभग 17 हजार करोड़ रूपये का निर्यात होता है।
श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डीबीटी के माध्यम से किसानों को 2.83 लाख करोड़ रूपये की सब्सिडी दी गई है तथा लगभग 57 हजार करोड़ रूपये बिचैलियों से बचाया गया है, जो डिजिटल क्रान्ति की देन है। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल डिलीवरी सिस्टम और साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदेश सरकार को आश्वस्त किया कि केन्द्र, राज्य सरकार को हर सम्भव सहायता एवं सहयोग प्रदान करेगा।
उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने समिट को सम्बोधित करते हुये कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी तथा साफ्टवेयर विकास के क्षेत्र में भारत की सफलता की गाथा अब किसी छिपी नहीं है तथा यह प्रदेश सरकार के लिये यह गर्व का विषय है कि सूचना प्रौद्योगिकी निर्यात में उत्तर प्रदेश का योगदान 35 प्रतिशत है। जहाॅ लोग सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बंगलुरू व पुणे की बात करते थे, अब लोग उत्तर प्रदेश के नोयडा एवं ग्रेटर नोयडा क्षेत्र को भी आई0टी0 हब के रूप में पहचानने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आई0टी के महत्व को समझते हुये प्रदेश सरकार इस उद्योग को प्रोत्साहन प्रदान कर रही हैं तथा आईटी के माध्यम से जनसामान्य को विभिन्न प्रकार की आॅनलाइन सेवा भी प्रदान कर रही हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में ई-टेण्डरिंग लागू कर दी है। उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत ई-टेण्डरिंग प्रणाली के कार्यान्वयन के लिये गत दिनों गुरूग्राम में आयोजित ’’स्मार्ट सिटी समिट’’ में प्रदेश को पुरस्कृत भी किया गया है।
डा0 दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2017 बनायी है, जिसमें उद्यमियों के लिये विभिन्न प्रकार की छूट की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की संस्था साॅफ्टवेयर टेक्नालाॅजी पाक्र्स आॅफ इण्डिया (एस0टी0पी0आई0) के सहयोग से 150 करोड़ के निवेश तथा लगभग 15,000 रोजगार सम्भावनाओं युक्त आई0टी0 पाक्र्स की स्थापना, मेरठ, आगरा , गोरखपुर, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ तथा बरेली में की जा रही हैं। मेरठ तथा आगरा में निर्माण कार्य आरम्भ हो गया है तथा दिसम्बर, 2018 तक इसे पूर्ण किया जाना लक्षित है।
Published on:
22 Feb 2018 08:34 pm
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