8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Sawan 2019 का पहला सोमवार आज, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये इन ची़जों का करें दान, वैवाहिक जीवन में मिलेगा सुख

- पवित्र श्रावण मास (Sawan) का आज प्रथम सोमवार है। - पूरा देश शिवमय हो चला है। - सुबह से ही मंदिरों में भीड़ लगना शुरु हो गई है।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Akansha Singh

Jul 22, 2019

lucknow

Sawan 2019 का पहला सोमवार आज, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये इन ची़जों का करें दान, वैवाहिक जीवन में मिलेगा सुख

लखनऊ. पवित्र श्रावण मास (Sawan) का आज प्रथम सोमवार है। पूरा देश शिवमय हो चला है। राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर, भूतनाथ मंदिर, महाकाल मंदिर, हनुमान सेतु मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, कल्याण गिरि मंदिर, बुद्‌धेश्वर महादेव मंदिर आदि में सुबह से ही शिव जी की पूजा अर्चना शुरु हो गई है। मंदिरों में पुजारियों सहित भक्तों द्वारा शिव-लिंगों पर जल, दूध, दही, मिष्ठान अर्पित किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें - द्वादश ज्योर्तिलिंग धाम में 12 परिवारों द्वारा होगा रुद्राभिषेक

इन ची़जों को करें अर्पित

सावन के महीने में सोमवार (Sawan Somwar) व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, दूध, सफेद चंदन, अक्षत आदि अर्पित करने का विधान है। इस दिन बेलपत्र पर सफेद चंदन से राम-राम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भी भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। भूलकर भी भगवान शिव को तुलसी का पत्ता, हल्दी और केतकी का फूल बिल्कुल भी न अर्पित करें। इससे भगवान शिव आप से अप्रसन्न हो जाएंगे और आपको आपके व्रत का फल नहीं मिलेगा।

यह भी पढ़ें - बुद्धवार से शुरू सावन का महीना,सावन के पहले गुरूवार को क्या बन रहे हैं योग, जाने इस महायोग को

व्रत का विशेष महत्व

व्रती को सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूजा करें। सावन में भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। भोलेनाथ की पूजा और आराधना करने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति आती है। यह महीना शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। सावन में शिवलिंग की पूजा को महत्वपूर्ण बताया गया है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ-साथ बेल पत्र भी चढ़ाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा की जाएगी। लेकिन भोले की पूजा के दौरान कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए। पूजा करते समय भगवान शिव के मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप करें। शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ करें। इसके उपरान्त भगवान भोलेनाथ की आरती करें। दिनभर फलाहार करें और शाम को पूजा घर में शिव पुराण का पाठ करें। आरती के बाद ही प्रसाद ग्रहण कर कुछ खाएं।

यह भी पढ़ें - देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु सोने जा रहे हैं,जाने इसके महत्व और मंत्र को जिससे बदल सकती हैं क़िस्मत

सावन का पहला सोमवार

इस सावन में चारों सोमवार अति विशेष है। सोमवार का व्रत करते हुए महादेव की पूजा आराधना करने से कल्याणकारी होगा। सावन का प्रथम सोमवार 22 जुलाई को है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से संतान सुख में बाधा नहीं आती है। जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष या कालसर्प योग है, उन्हें इस पूजन से शांति मिलेगी।

यह भी पढ़ें - सावन के महायोग में शिव के साथ लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें जाने मन्त्र और साथ ही शुक्रवार दिन का हाल

सावन का दूसरा सोमवार

सावन मास को दूसरा सोमवार 29 जुलाई को है। इस दिन सोम प्रदोष व्रत भी रहेगा। इस दिन के रुद्राभिषेक से मानसिक अशांति, गृह क्लेश और स्वास्थ्य संबंधी चिंता दूर हो जाएगी।

सावन का तीसरा सोमवार

तीसरा सोमवार अद्भुत मुहूर्त में आ रहा है जो कि पांच अगस्त को पड़ेगा। यह दिन सावन के श्रेष्ठ मुहूर्तों में एक है। इस दिन पूर्णा तिथि है। सोम का नक्षत्र हस्त भी विद्यमान है और सिद्धि योग के साथ-साथ वर्ष की श्रेष्ठ पंचमी यानी नाग पंचमी भी है।

यह भी पढ़ें - savan 2019 शुरु, राजधानी लखनऊ में गूंजे हर हर महादेव का जयकारे, यातायात व्यवस्था में हुआ बदलाव

सावन का चौथा सोमवार

सावन का चौथा और अंतिम सोमवार 12 अगस्त को है। इस दिन भी सोम प्रदोष व्रत है। इस दिन शिव-पार्वती साथ-साथ पृथ्वी पर विचरण करेंगे। अत: इस दिन रुद्राभिषेक करने से सारे मनोरथ सफल होंगे।