7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

1219 प्रवक्ताओं की वरिष्ठता सूची निरस्त, सात साल बाद मिला इंसाफ

Education Department News:लोक सेवा अभिकरण ने 1219 प्रवक्ताओं की विभागीय वरिष्ठता सूची को निरस्त कर दिया है। शिक्षा विभाग को लोक सेवा आयोग के तय मानकों के अनुसार ही नए सिरे से वरिष्ठता सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एक बड़े विवाद के हल होने की उम्मीद जग गई है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Naveen Bhatt

Nov 04, 2024

Seniority list of 1219 spokespersons in Uttarakhand has been canceled

लोक सेवा अभिकरण ने 1219 प्रवक्ताओं की वरिष्ठता सूची निरस्त कर दी है

Education Department News:1219 प्रवक्ताओं की वरिष्ठता सूची निरस्त कर दी गई है। उत्तराखंड में लोक सेवा अभिकरण ने वर्ष 2003 की सीधी भर्ती में चुने गए शिक्षा विभाग के 1219 प्रवक्ताओं की विभागीय वरिष्ठता सूची को निरस्त कर दिया। शिक्षा विभाग को लोक सेवा आयोग के तय मानकों के तहत ही नए सिरे से वरिष्ठता सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग ने इस भर्ती में चयनित प्रवक्ताओं के लिए लोक सेवा आयोग की ओर से 17 मई 2007 को जारी वरिष्ठता सूची को खारिज कर दिया था और 29 मार्च 2012 को विभागीय स्तर पर नई सूची बनाकर वरिष्ठता तय कर दी थी। अभिकरण के ताजा फैसले से प्रवक्ताओं की वरिष्ठता का एक बड़ा विवाद हल होने का रास्ता साफ हो गया है। अब जल्द ही नए सिरे से वरिष्ठता सूची तैयार की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती के मुताबिक वरिष्ठता के विषय में अभिकरण के फैसले का परीक्षण किया जा रहा है। इस विषय पर शासन से निर्देशन लेते हुए आगे कार्यवाही की जाएगी।

जानें क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड में साल 2003 की विज्ञप्ति के आधार पर 18 विषयों के लिए हुई परीक्षा में चुने गए प्रवक्ताओं को अक्तूबर 2005 से लेकर नवंबर 2006 तक नियुक्तियां दी गई थीं। लोक सेवा आयोग ने तब के नियमों के अनुसार लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों के आधार पर बनी मेरिट के तहत वरिष्ठता तय की थी। उस वरिष्ठता सूची को पांच जनवरी 2009 को शासन को सौंप दिया गया। लेकिन शिक्षा विभाग ने आयोग की वरिष्ठता सूची पर असहमति जताते हुए 29 मार्च 2012 को नई सूची लागू कर दी। विभाग ने जिस क्रम में आयोग से जिस जिस विषय के प्रवक्ता चयनित होकर मिलते गए उसी क्रम में वरिष्ठता तय कर दी।

ये भी पढ़ें:- Rain Alert:आज तीन जिलों में बारिश के आसार, प्रचंड सर्दी का होगा आगाज

न्याय मिलने में लगे सात साल

लोक सेवा आयोग की वरिष्ठता सूची में नंदन सिंह बिष्ट तीसरे नंबर पर थे। जबकि शिक्षा विभाग की सूची में खिसक कर 892 वें नंबर पर आ गए थे। विभाग में प्रत्यावेदन देने पर जब सुनवाई न हुई तो वर्ष 2017 में बिष्ट ने हाईकोर्ट में केस दायर किया। हाईकोर्ट के 22 सितंबर 2017 के आदेश के आधार पर तत्कालीन शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने मामले की सुनवाई करते हुए 13 जुलाई 2018 को बिष्ट के प्रत्यावेदन को खारिज कर दिया। बिष्ट के दोबारा अपील करने पर हाईकोर्ट ने उन्हें लोक सेवा अभिकरण जाने को कहा। लंबी सुनवाई के बाद अभिकरण ने इस मामले में बिष्ट के पक्ष को सही पाया है। अभिकरण के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह (जे) और उपाध्यक्ष एएस रावत (ए) की बेंच ने शिक्षा विभाग द्वारा जारी वरिष्ठता सूची को निरस्त करते हुए लोक सेवा आयेाग के मानकों के अनुसार नई सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं।