मुलायम का ‘चरखा दांव’ आजमा रहे अखिलेश-शिवपाल
भले ही शिवपाल यादव ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन कर दिया हो और वह यूपी की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हों, लेकिन इतना सब होने के बावजूद वह समाजवादी पार्टी में बने हुए हैं। मतलब अब तक न तो उन्होंने सपा से इस्तीफा दिया और न ही अखिलेश यादव ने उन पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चाचा-भतीजे एक दूसरे के खिलाफ मुलायम सिंह यादव का फेमस ‘चरखा दांव’ आजमा रहे हैं।शिवपाल यादव की गाड़ी और घरों से उतारे गये समाजवादी पार्टी के झंडे, देखें वीडियो
सुलह की कोशिशें बेकार!राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शिवपाल यादव अब काफी आगे निकल चुके हैं, अब उनका पार्टी में रहना लगभग असंभव सा है। बावजूद इसके मुलायम सिंह यादव ने अभी आस नहीं छोड़ी है। वह अभी भी पहले की तरह मेल-मिलापों के प्रयास में लगे हैं। मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल को बुलाया था। सूत्रों की मानें तो मुलायम ने उनके सामने समाजवादी कुनबे में सुलह का प्रस्ताव रखा, जिसे शिवपाल ने अस्वीकार कर दिया। शिवपाल का कहना था कि वह पिछले डेढ़ साल से पार्टी में उपेक्षित हैं। इस बीच उन्हें न तो कोई जिम्मेदारी दी गई और न ही ढंग का पद, जबकि उन्होंने सुलह के तमाम प्रयास किये। इस दौरान शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव से समाजवादी सेक्युलर मोर्चे संग जुड़ने की अपील की।
आखिर अखिलेश को किस हद तक नुकसान पहुंचा सकता है शिवपाल का नया सेक्युलर मोर्चा
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