
यूपी पुलिस पर पहले भी लगे हैं फर्जी एनकाउंटर के आरोप, सपा प्रवक्ता बोले- माफी मांगें सीएम योगी
लखनऊ. देर रात पुलिस की गोली लगने से एप्पल कंपनी के सेल्स मैनेजर की मौत हो गई। एडीजी लॉ एंड ऑडर आनंद कुमार ने इसे हत्या का मामला बताया। मामले के आरोपी दो सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और एसआईटी जांच के आदेश दे दिये गये हैं। मृतक की पत्नी कल्पना तिवारी ने इसे हादसा नहीं, कत्ल करार देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की मांग की है। ऐसा पहली बार नहीं है जब यूपी पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी विपक्षी दल हमेशा ही उत्तर प्रदेश पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाते रहे हैं। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी एनकाउंटर पर योगी सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के 10 माह के कार्यकाल में 1100 से अधिक पुलिस एनकाउंटर हुए थे। इनमें 35 से अधिक कथित अपराधियों की मौत हुई थी। विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका श्रेय लेते हुए कहा था कि 1200 एनकाउंटर में 40 खतरनाक अपराधी मारे गये हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि राज्य में अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस एनकाउंटर जारी रहेंगे।
माफी मांगे मुख्यमंत्री और डीजीपी : सपा प्रवक्ता
सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि अनुराग भदौरिया ने कहा कि गनीमत थी कि मृतक के साथ एक मित्र थी, वरना इसे भी असलहा रखकर एनकाउंटर बता दिया जाता। सना की गवाही के बाद ही मामले का खुलासा हुआ। इस दौरान परिवार को भी नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस की गोली से युवक के कत्ल के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह जनता से और मृतक के परिजनों से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे और अधिक से अधिक परिवार की सहायता करें और परिवार की जिम्मेदारी लेना चाहिये। सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या जनता ने आपको इसीलिये चुना था कि अगर कार न रोकी जाये तो आपकी पुलिस गोली मारकर कत्ल कर देगी। उन्होंने कहा के ये एनकाउंटर मुख्यमंत्री के शब्द 'ठोक देंगे' का ही नतीजा है। वहीं, सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सत्तारुढ़ नेता संविधान को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं।
एनकाउंटर पर क्या कहते हैं अफसर
एनकाउंटर मामले पर प्रकाश सिंह, पूर्व डीजीपी, उत्तर प्रदेश ने कहा कि अधिकतर पुलिस एनकाउंटर राज्य प्रायोजित होते हैं और 90 फीसदी एनकाउंटर फर्जी होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब राजनीतिक रूप से प्रायोजित एनकाउंटर होते हैं तो उनमें उस तबके के लोग होते हैं जो सत्ताधारी दल के लिए किसी काम के नहीं हैं या जिन्हें वो दबाना चाहते हैं।
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Updated on:
29 Sept 2018 01:24 pm
Published on:
29 Sept 2018 01:10 pm
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