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पुलिस सुन लेती गुहार तो बच सकती थी मेडिकल स्टूडेंट की जान

घरवालों का आरोप- पुलिस से सरिता कर चुकी थी शिकायत, नहीं मिला इन्साफ तो दे दी जान।

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Abhishek Rastogi

Jan 30, 2016

लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ में छेड़खानी से तंग आकर बीते शुक्रवार को एक मेडिकल स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। इस मामले में घरवालों का आरोप है कि उनकी बेटी कई हफ्ते से एमबीए के छात्र अजय विश्वकर्मा की छेड़खानी से बेहद परेशान थी। पीड़ित छात्रा ने पुलिस से भी इस मामले की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने उसे टरका दिया था। इससे तंग आकर उसने यह कदम उठाया है। लखनऊ के एसएसपी राजेश पांडेय ने मामले की जांच एसपी टीजी को सौंपी है।

यूपी में लडकियां कितनी सुरक्षित हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक दबंग छात्र की छेड़खानी से तंग एक मेडिकल छात्रा ने अपनी जान दे दी। गुडम्बा थानाक्षेत्र में कल्याणपुर के शिवानी विहार में एक मेडिकल छात्रा सरिता गुप्ता अपने चाचा के घर रहती थी और फैजाबाद रोड स्थित सरस्वती डेंटल कॉलेज से बीडीएस सेकंड ईयर में पढ़ती थी।

आरोप है कि अजय विश्वकर्मा नाम का एक छात्र खुद भी एमबीए का स्टूडेंट है। उसे रोज परेशान करता था। छात्रा ने अपने साथ हो रही छेड़खानी और परेशानी की बात घरवालों को भी बताई थी। आरोपी अजय अक्सर उस छात्रा के मोबाइल पर फोन करके परेशान करता था। परिजनों के मुताबिक, पीड़ित छात्रा ने इस मामले की जानकारी विकासनगर पुलिस को भी दी थी। उसे ये कहकर थाने से जाने को कह दिया कि आरोपी अजय को समझा दिया गया है। इसके बाद छात्रा ने आत्महत्या कर ली।

क्या कहते हैं मृतक छात्रा के पिता
मृतक छात्रा के पिता संजय ने बताया कि विकासनगर थाने पर उनकी बेटी गई थी, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यदि पुलिस समय रहते एक्शन लेती तो उनकी बेटी जिंदा होती। आरोप है कि छात्रा ने कई बार जब छात्रा ने वीमेन पॉवर लाइन 1090 का नंबर मिलाया, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली।

परिजनों का कहना है कि सरिता काफी डरी और सहमी रहती थी। घर में अपने भाई को भी छेड़खानी के बारे में बताती थी। भाई सुमित का भी कहना है कि आरोपी जबरदस्ती उसकी बहन के साथ दोस्ती करना चाहता था।

पुलिस सरिता की मौत के बाद अब जांच की बात कह रही है। पुलिस का कहना है कि अब तक जो जानकारी मिली है, उस लिहाज से पीड़िता ने कोई शिकायत नहीं दी थी। अब लखनऊ के एसपी टीजी को पूरे मामले की जांच सौंपी गयी है। लखनऊ के एसएसपी राजेश पांडेय लापरवाही मिलने पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की बात भी कह रहे हैं।

क्या कहा एसएसपी राजेश पाण्डेय ने
एसएसपी राजेश पांडेय के मुताबिक, समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला था कि इंस्पेक्टर गुडम्बा और एसओ विकासनगर से बात की थी। इन दोनों को इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। एसओ को ट्रॉमा सेंटर भेजा गया था। लड़की के पिता से बात भी की गई थी। एसपी ट्रांसगोमती को जांच दी है। वे पता करेंगे कि इस संबंध में पीड़िता ने पुलिस से कोई शिकायत की थी कि नहीं। यदि शिकायत की गई थी तो क्या कार्रवाई हुई और यदि कार्रवाई नहीं की गई तो आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।