
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एक लाख शिक्षकों को बड़ी राहत, नहीं जाएगी नौकरी, हाईकोर्ट का फैसला पलटा
लखनऊ. यूपी टीईटी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) के एक लाख शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। देश की शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 30 मई 2018 के आदेश को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा था कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने TET पहले कर ट्रेनिंग बाद में की, उनकी नियुक्ति अवैध है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को पलट दिया है।
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हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक लाख परिषदीय शिक्षकों की नौकरी जाने की आशंका थी, लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत और 2012 से 2018 के बीच नियुक्त करीब 50 हजार शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया है, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि जिन शिक्षकों की ट्रेनिंग का परिणाम उनके टीईटी रिजल्ट के बाद आया है, उनकी नियुक्ति मान्य नहीं है।
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जानकारी हो कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने याचिका पर फैसला देते हुये कहा था कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) का परिणाम शिक्षक प्रशिक्षण के परीक्षा परिणाम के घोषित होने के पूर्व ही घोषित होना चाहिये। कोर्ट ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा जारी टीईटी गाइडलाइन 11, फरवरी 2011 के पैरा 5(।।) के आधार पर जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश प्रदान किए थे। हाई कोर्ट के इस निर्णय के से पूर्व में चयनित और कार्यरत लगभग 50 हजार से अधिक शिक्षक प्रभावित हो रहे थे।
Published on:
16 Jul 2019 01:47 pm
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