उनके अनुसार, “मैंने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों का उल्लेख कर उन्हें हटाने की मांग की थी। उस पर विचार करने के बजाय, मेरी जीभ, हाथ और गर्दन काटने के ऐलान किए जाने लगे। क्या अब तथाकथित धर्म के ठेकेदार मोहन भागवत की टिप्पणी पर भी इस तरह की घोषणाएं करने की हिम्मत रखते हैं।”
क्या कहा था मोहन भागत ने, जिस पर ANI ने दी सफाई
मोहन भागवत ने मुंबई में रविवाद जयंती पर जाति व्यवस्था को लेकर एक टिप्पणी की थी। इस पर न्यूज एजेंसी ANI के करेक्शन ट्वीट के मुताबिक भागवत ने कहा, “सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नही है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं, वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच-नीच में फंसकर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।”
मोहन भागवत ने मुंबई में रविवाद जयंती पर जाति व्यवस्था को लेकर एक टिप्पणी की थी। इस पर न्यूज एजेंसी ANI के करेक्शन ट्वीट के मुताबिक भागवत ने कहा, “सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नही है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं, वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच-नीच में फंसकर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।”
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ANI ने बताया कि इससे पहले के ट्वीट में अनुवाद करने में गलती हो गई थी। ANI के उसी पुराने ट्वीट में जाति के संबंध में मोहन भागवत के बयान में पंडितों का जिक्र किया गया था, जिसे बाद में गलती बताते हुए हटा दिया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने समाज में फैली जाति व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने RSS प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को आधार बनाते हुए सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस किया।
अब स्वामी प्रसाद ने कहा- क्या भागवत के बयान पर कोई बोलने की हिम्मत करेंगा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “जिस प्रकार मेरी मांग के विपरीत मेरे खिलाफ आतंकवादी, हिंसक, अपराधी भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसी तरह की सोच ने ही समय-समय पर हिंदू धर्म को कमजोर किया।”