
Tejashwi Yadav
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन पर राष्ट्रीय जनता दल ने खुशी जताई है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस पर और चर्चा करने के लिए रविवार को लखनऊ का रुख किया है। तेजस्वी लखनऊ के एयरपोर्ट से सीधे बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती से मुलाकत करने माल एवेन्यू स्थित उनके आवास पहुंचें हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो सोमवार को तेजस्वी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुनावी गठबंधन पर वार्ता करेंगे। राजधानी पहुंचते ही उन्होंने गठबंधन पर सहमति जताई और भाजपा पर भी जमकर हमला किया।
देश में अघोषित इमेरजेंसी जैसा माहौल- तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने लखनऊ पहुंचते ही मीडिया कर्मियों से कहा कि लालू प्रसाद यादव जी का सपना था कि यूपी में भी एक महागठबंधन बनाया जाए जहां सपा और बसपा सुप्रीमो मायावती व अखिलेश यादव चुनाव लड़ने का काम करें। देश में अघोषित इमेरजेंसी जैसा माहौल है। संविधान के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। आरक्षण को भी किसी तरह समाप्त करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
मोदी जी से नफरत नहीं-
उन्होंने आगे कहा कि हम मोदी जी को हराने या हटाने के लिए नहीं आए है। हम उनसे नफरत नहीं करते। यह एक विचार की और सिद्धांतों की लड़ाई है। मोदी से पहले भी हम भाजपा और आरएसएस का विरोध करते रहे हैं। लालू जी आज जेल में इसी वजह से हैं क्योंकि उन्होंने भाजपा के सामने घुटने नहीं टेके। उन्होंने भाजपा का सामना किया। तेजस्वी ने कहा कि माायावती ने भी शनिवार को प्रेस वार्ता में जिक्र किया था कि सुनियोजित तरीके से गठबंधन की पार्टियों को फंसाया जा रहा है।
सपा-बसपा गठबंधन को समर्थन-
सपा-बसपा गठबंधन को लेकर बिहार में भी सियासत तेज हो गई है। शनिवार को ही अखिलेश-मायावती के इस औपचारिक ऐलान के बाद ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने खुशी जाहिर की थी और इसे लेकर वह अपना समर्थन देने के लिए रविवार को वह लखनऊ आए हैं। सपा-बसपा गठबंधन से भले ही कांग्रेस को बाहर रखा गया है, लेकिन तेजस्वी यादव का साफ कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। महागठबंधन का सपना लालू यादव ने देखा था, जो अब साकार होते नजर आ रहा है। उन्होंने साथ ही में कहा कि अब यूपी में बीजेपी की हार की शुरुआत हो चुकी है। सपा-बसपा ही बीजेपी को हराने के लिए काफी है।
कांग्रेस के लिए कर सकते हैं वकालत-
हालांकि तजेस्वी यादव द्वारा यूपी में सपा-बसपा को समर्थन देने की बात से राजनीति भी शुरू हो गई है। वहीं, कयास लगाया जा रहा है कि हो सकता है कि तेजस्वी कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने को लेकर भी वकालत कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव लखनऊ में मायावती और अखिलेश यादव से अलग-अलग मुलाकात करेंगे।
Updated on:
13 Jan 2019 10:59 pm
Published on:
13 Jan 2019 10:29 pm
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