
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय से खाद संकट को लेकर सियासत गर्म है। जहां एक ओर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है और यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार किसानों को खाद उपलब्ध नहीं करा पा रही है वहीं दूसरी ओर विभाग का कहना है कि किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है लेकिन खाद दुकानदारों द्वारा एक ही किसान को अधिक खाद बेच कर शाजिशन खाद संकट पैदा किया जा रहा है। ऐसे में अब विभाग ने शासन को एक प्रस्ताव भेजकर प्रत्येक जिले में अधिक खाद खरीदने वाले 100 किसानों की जांच करने की मांग की है।
ऐसा माना जा रहा है कि कुछ बड़े किसानों ने अधिक खाद खरीद कर स्टोर कर ली है जबकि उन्हें इतनी खाद की आवश्यकता नहीं थी। ऐसे में खाद होने के बावजूद भी खाद संकट जैसी स्थिति महसूस हो रही है। स्थिति को समझने के लिए अब 10 नवंबर तक हर जिले के 100 किसानों की जिलेवार सूची तैयार की गई है। अब इनका सत्यापन किया जाएगा कि उन्होंने कितनी खाद खरीदी और इनके पास कितनी जमीन। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें दुकानदार ने एक ही किसान को 50 बोरी खाद बेची है।
कृषि विभाग के अनुसार राज्य में रवि फसल की बुआई के समय से ही खाद की मांग है। इस साल सीजन के लिए 65.8 लाख टन खाद का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 30.86 लाख टन से अधिक खाद आवंटित की गई है। इतनी खाद आवंटित करने के बावजूद भी किसानों को आसानी से खाद नहीं मिल पा रही है ऐसे में यह कहा जा सकता है कि प्रदेश में खाद संकट पैदा करने के लिए साजिश की गई।
दिनों बुंदेलखंड के ललितपुर में खाद संकट को लेकर 4 किसानों की मौत हो गई थी। जिसके बाद सियासत गरमाई थी और विपक्ष ने योगी सरकार पर खाद्य उपलब्ध कराने के आरोप लगाए थे। अभी भी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खाद संकट है हालांकि सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि जिलों में खाद संकट है। विभागीय आंकड़ों के तहत पर्याप्त मात्रा में खाद आवंटित की गई ऐसे में अब प्रदेश के जिलों में खाद संकट क्यों है इसको लेकर जांच की जाएगी। अगर इस जांच में लोग दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी।
Published on:
13 Nov 2021 09:42 am
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