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हंगामे की भेंट चढ़ा शीतकालीन सत्र का पहला दिन

विधान परिषद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। अलग-अलग मुद्दों पर बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, निर्दलीय शिक्षक समूह समेत कांग्रेस के सदस्यों ने वेल में हंगामा किया जिसके चलते प्रश्न प्रहर नहीं हो सका।

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Raghvendra Pratap

Dec 21, 2016

Vidhan Sabha

Vidhan Sabha

लखनऊ. विधान परिषद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। अलग-अलग मुद्दों पर बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, निर्दलीय शिक्षक समूह समेत कांग्रेस के सदस्यों ने वेल में हंगामा किया जिसके चलते प्रश्न प्रहर नहीं हो सका। सभापति रमेश यादव ने सदन को पहले बीस मिनट के लिये स्थगित किया। उसके बाद सदन के स्थगन का समय बारह बजकर दस मिनट तक के लिए बढ़ा दिया गया। दोबारा सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदस्य फिर वेल में हंमागा करते और उसी हंगामे और शोर-शराबे के बीच ही राज्य सरकार ने वित्तय वर्ष 2016-17 के द्वितीय अनुपूरक अनुदान की मांगों और वित्तीय वर्ष 2017-18 के आय-व्ययक को सदन के पटल पर रखा गया। सदन ने अपने तीन पूर्व सदस्यों समेत तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव को श्रद्वाजंलि देने के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया।

वेल में आ गए सदस्य
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बसपा, भाजपा, निर्दलीय समूह के सभी सदस्य एवं शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी वेल में आ गए। बहुजन समाज पार्टी के नेता और नेता प्रतिपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा प्राथमिकता के आधार पर उन्हें सुन लिया जाये। इसके बाद बसपा के सभी सदस्य वेल में आ गए। वे सरकार विरोधी नारे लिखी नीली टोपियों के साथ ही हाथों में तख्तियां लिए नारेबाजी कर रहे थे। सदस्य दंगाइयों की सरकार बर्खास्त करो, किसानों पर अत्याचार करनेवाली सरकार को बर्खास्त करो, दलितविरोधी यह सरकार नहीं चलेगी-नहीं चलेगी के नारे लगा रहे थे।

बुलंदशहर काण्ड पर भाजपा का हंगामा
वहीं भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बुलन्दशहर काण्ड का मामला उठाते हुए बुलन्दशहर काण्ड पर, महिलाओं के अपमान पर, आजम खां इस्तीफा दो के नारे लिखे हुए पोस्टर हाथों में लिए थे। निर्दलीय शिक्षक समूह के सदस्य पुरानी पेंशन बहाली और पुलिस की बर्बर पिटाई से दिवंगत हुए डाॅ. राम आशीष के परिजनों को एक करोड़ की अनुग्रह राशि और हत्यारों को सजा दिलाने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस के दोनों सदस्य दिनेश प्रताप सिंह और दीपक सिंह अपने-अपने स्थानों पर खड़े होकर विपक्ष की मांगों का समर्थन कर रहे थे। सभापति रमेश यादव ने सदस्यों से बार-बार शांत होकर अपने-अपने स्थान पर वापस जाने का अनुरोध किया लेकिन सदस्य वेल में ही सरकारविरोधी नारेबाजी और हंगामा करते रहे, जिसपर सभापति ने सदन की कार्यवाही को बीस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद सदन के स्थगन का समय 12 बजकर 10 मिनट तक के लिए बढ़ा दिया गया।

हंगामे के बीच चली कार्यवाही
दोबारा 12 कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई बसपा, भाजपा और निर्दलीय शिक्षक समूह के सदस्य पुनः वेल में आ गये व सरकारविरोधी नारेबाजी शुरू कर दी। सदस्यों के शांत न होने पर इसी शोर-शराबे की बीच ही सभापति ने कार्य परामर्शदात्री समिति की संस्तुति सदन में रखी और प्रमुख सचिव विधान परिषद डा0 मोहन यादव ने 15 विधेयकों के अधिनियम बनने की घोषणा की। इसके बाद नेता सदन अहमद हसन ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों और वित्तीय वर्ष 2017-18 के आय-व्ययक को प्रस्तुत किया। हालांकि वे क्या बोल रहे हैं यह शोर-शराबे के बीच कुछ भी सुनायी नहीं दे रहा था।

जयललिता और रामनरेश को दी गई श्रद्धांजलि
इसके बाद सभापति ने सदन के तीन पूर्व सदस्यों डाॅ. विश्वनाथ खन्ना, राम आधार पाण्डेय और सुखवीर सिंह के निधन की सूचना सदन को दी। सदन में मौजूद सभी लोगों ने तीनों दिवंगत सदस्यों को अलग-अलग श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सभापति रमेश यादव ने नेता सदन अहमद हसन से तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव के निधन का शोक प्रस्ताव सदन में लाने के लिए कहा। जिस पर नेता सदन अहमद हसन ने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव के निधन का प्रस्ताव सदन में अलग-अलग रखा। जिसपर उनको सदन में सभी दलीय नेताओं ने श्रद्धाजंलि दी। श्रद्धांजलि देने के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही को कल गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

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