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‘कंधे पर सितारे न हों लेकिन…’, सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व DGP प्रशांत कुमार ने किया भावुक पोस्ट

उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावुक संदेश साझा किया है।

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लखनऊ

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Prateek Pandey

Jun 01, 2025

PC: पूर्व डीजीपी एक्स हैंडल

PC: पूर्व डीजीपी एक्स हैंडल

सोशल मीडिया पोस्ट में प्रशांत कुमार ने अपने लंबे और समर्पित पुलिस सेवा काल को याद करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस बल से ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी निभाने की अपील की है।

DGP प्रशांत कुमार ने किया भावुक पोस्ट

एक जून को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक्स पर साझा किए गए इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, "कल जब मैंने पुलिस सेवा से औपचारिक विदाई ली, तो मन में गहरी कृतज्ञता, आत्मगौरव और अपनापन महसूस हुआ। यह महज़ एक विदाई समारोह नहीं था, बल्कि जीवन की इस विशेष यात्रा पर रुक कर सोचने और सभी साथियों को धन्यवाद देने का अवसर था। जिस दिन मैंने वर्दी पहनी थी, उस दिन से लेकर अंतिम दिन तक, मेरे जीवन का उद्देश्य केवल जनसेवा, न्याय और पुलिस बल का साथ निभाना रहा।"

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उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक 'आह्वान' है। "मुझे हर स्तर पर साथ देने वाले सभी कर्मियों पर गर्व है चाहे वो बारिश में ट्रैफिक संभालता सिपाही हो या रात भर जागकर केस सुलझाने वाला अधिकारी। जिन्होंने नवाचार को बढ़ावा दिया, वे सब पुलिस की असली आत्मा हैं।"

कैसा रहा प्रशांत कुमार का अनुभव?

प्रशांत कुमार ने अपने कार्यकाल के अनुभवों को साझा करते हुए लिखा कि कैसे उन्होंने प्रदेश में पुलिसिंग को आधुनिक बनाने, साइबर अपराधों से लड़ने और आपदाओं का सामना करने के लिए नए दृष्टिकोण अपनाए। उन्होंने लिखा कि, 'मैं उत्तर प्रदेश पुलिस की भव्य तस्वीर का सिर्फ एक धागा रहा हूं, फिर भी आपने मुझे बहुत महत्वपूर्ण होने का एहसास दिलाया। हम आम नागरिकों में पुलिस की वर्दी के प्रति भरोसा बहाल करने में सफल रहे, जिसे मैं सेवानिवृत्ति के बाद अपने लिए सबसे बड़ा सम्मान मानता हूं'।

'कंधे पर सितारे न हों लेकिन...'

अपने संदेश के अंत में उन्होंने कहा, "अब भले ही मेरे कंधों से सितारे हट गए हों, लेकिन पुलिस की भावना हमेशा मेरे दिल में रहेगी। मैं अगली यात्रा की ओर बढ़ रहा हूं लेकिन मेरी प्रार्थना, सम्मान और समर्थन हमेशा उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ रहेगा। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि वर्दी अस्थायी है, पर कर्तव्य हमेशा रहता है। साहस, संवेदना और विवेक के साथ सेवा करते रहें।"