
लखनऊ में यातायात विभाग बड़ा बदलाव करने जा रहा है। शहर के 155 चौराहों से गुजरने वाले वाहन सवारों को अब ट्रैफिक सिग्नल के कारण बिना वजह इंतजार नहीं करना होगा। उन्हें सिर्फ उतनी देर ही रुकना होगा जितनी देर में वाहन ट्रैफिक सिग्नल से गुजर नहीं जाएंगे। वाहन चालकों की सुविधा को देखते हुए तीन साल बाद यातायात विभाग सभी चौराहों से गुजरने वाले वाहनों की संख्या के दबाव पर सर्वे करेगा। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर 155 चौराहों से गुजरने वाले वाहनों की संख्या तय होगी। जिसके बाद तय वाहनों की संख्या के आधार पर ही चौराहों पर सिग्नल लाइट का टाइमर सेट किया जाएगा। जिससे एक बार में एक ही दिशा से सभी वाहन गुजर सकें। इसके बाद ही रेड सिग्नल किया जाएगा।
प्रतिदिन बढ़ती जा रही वाहनों की संख्या
सिग्नल लाइट का टाइमर सेट करने के पीछे एक बड़ी वजह है कि वाहन सवारों को रेड सिग्नल होने का इंतजार नहीं करना होगा और न ही इसके लिए दो से तीन बार रुकना होगा। दरअसल, लखनऊ में दिन प्रतिदिन वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। आरटीओ कार्यालय में बीते तीन साल में चार लाख से ज्यादा बाइक, कार, यात्री वाहन और माल वाहन समेत 28 मॉडलों में वाहन पंजीकृत हुए है। इससे सड़कों पर ट्रैफिक लोड बढ़ने से जाम की स्थिति पैदा हो रही है।
शहर के इन चौराहों पर रहता है ट्रैफिक दबाव
गौरतलब है कि शहर में सबसे व्यस्ततम चौराहों में मुंशीपुलिया, पॉलीटेक्निक, कमता तिराहा, इंदिरागांधी प्रतिष्ठान, हजरतगंज, चारबाग नाका, आलमबाग चौराहा, अवध चौराहा, वीआईपी चौराहा, दुबग्गा, आईटी चौराह, सीएम आवास के सामने गौतम पल्ली चौराहा हैं। यहां वाहनों के ट्रैफिक दबाव ज्यादा है। ऐसे चौराहे पर रेड और ग्रीन सिग्नल का टाइमर बदला जाएगा। एडीसीपी ट्रैफिक अजय कुमार ने कहा कि चौराहे पर लगे सिग्नल लाइट के टाइमर में बदलाव होगा। सभी चौराहे पर ट्रैफिक लोड का सर्वे कराया जाएगा। इसी आधार पर रेड और ग्रीन सिग्नल लाइटों में टाइमर सेट किया जाएगा।
Published on:
10 Sept 2022 10:06 am
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