
प्लाज्मा थेरेपी साबित हो रही मददगार, केजीएमयू से जुड़ेंगे 25 मेडिकल कॉलेजों के प्लाज्मा बैंक
लखनऊ. प्रदेश में बड़ी तादाद में मरीज करोना से उबर रहे हैं। वहीं, मरीजों के गंभीर इलाज के लिए प्जाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जा रहा है जो कि मरीजों की दान बचाने में काफी हद तक मददगार साबित हो रहा है। डॉक्टरों ने कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी शुरू की तो इससे मौतों का ग्राफ काफी कम हो गया। इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा बैंक बनाने का फैसला किया है। इसके लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) को नोडल सेंटर नामित किया गया है। मानक निर्धारण की जिम्मेदारी केजीएमयू को सौंपी गई है। जल्द ही कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी मिलना शुरू हो जाएगी। ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा के मुताबिक, इस फैसले से राज्य में हजारों यूनिट प्लाज्मा संग्रह किया जा सकेगा। जल्द ही स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी।
आठ प्लाज्मा बैंक फिलहाल संचालित
डॉ. तूलिका के मुताबिक वर्तमान में राज्य में आठ प्लाज्मा बैंक संचालित हैं। केजीएमयू समेत तीन लखनऊ में हैं। एक नोएडा, दो ग्रेटर नोएडा, एक कानपुर व एक आगरा में है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में रिपीट प्लाज्मा डोनेशन भी शुरू हो गया है। यानी एक बार प्लाज्मा दान कर चुके व्यक्ति दोबारा भी दान कर सकते हैं। पहले डोनर से 500 एमएल प्लाज्मा लिया जाता था। अब सिर्फ 400 एमएल ही संग्रह किया जा रहा है।
Published on:
12 Oct 2020 03:08 pm
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