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उत्तराखंड में UCC लागू होने से बदल जाएंगे नियम, जानें क्या होंगे बदलाव

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद क्या बदलाव होंगे। इसको लेकर कई सवालें है। इन सवालों से संबंधित जवाब आप यहां पढ़ सकते हैं।

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pushkar singh dhami

उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार मंगलवार 6 फरवरी 2024 को विधानसभा के विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता (Uniform civil code) संबंधी विधेयक पेश करेगी। इस विधेयक से संबंधित ड्राफ्ट बीते दिनों यूसीसी (UCC) कमेटी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था। अब जानते है कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से क्या क्या बदलाव होंगे।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के नियम

सभी धर्म और मजहब में लड़कियों की विवाह की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
पुरुष और महिला को तलाक देने के समान अधिकार होगें।
लिव इन रिलेशनशिप पहले से डिक्लेयर करना जरूरी।
लिव इन रिलेशनशिप की रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 महीने की सजा।
लिव इन रिलेशनशिप के दौरान पैदा होने वाले बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार।
एक से अधिक विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी मान्य नहीं।
अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर
उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक
विवाह का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं।

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UCC से इन पर नहीं पड़ेगा असर

किसी भी प्रकार से धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं।
धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
किसी भी धर्म के खान-पान, पूजा-इबादत, वेश और भूषा पर प्रभाव नहीं।
शादी पंडित या मौलवी दोनों शादी कराएंगे लेकिन रजिस्ट्रेशन जरूरी।

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UCC लागू होने के बाद क्या होगा?

जो कानून हिंदुओं के लिए, वही दूसरे धर्म व मजहब के लिए भी।
हर धर्म में शादी और तलाक के लिए एक ही कानून।
मुसलमानों को 4 विवाह करने की छूट नहीं रहेगी।
बिना तलाक दिए एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे।

बीजेपी ने 2022 विधानसभा चुनाव में किया था वादा
साल 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने जनता से वादा किया था। उन प्रमुख वादों में यूसीसी (UCC) पर कानून बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना भी शामिल था। साल 2000 में यूपी से अलग होकर बने उत्तराखंड राज्य में बीजेपी ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचा। 2022 में सरकार गठन के तुरंत बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी (UCC) का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी।

आजाद भारत में पहला राज्य होगा
समान नागरिक संहिता कानून बनने के बाद उत्तराखंड स्वतंत्र भारत में यूसीसी (UCC) लागू करने वाला पहला राज्य होगा। इससे पहले पुर्तगाली शासन के समय से ही गोवा में यूसीसी लागू है। यूसीसी कानून के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक,जमीन, संपत्ति, गुजारा भत्ता और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे। चाहे वे किसी भी धर्म, मजहब या सम्प्रदाय को मानने वाले हों।

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