
Unknow Fcats about Former Indian PM Atal Bihari Vajpayee
लखनऊ.Unknow Fcats about Former Indian PM Atal Bihari Vajpayee. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 16 अगस्त को तीसरी पुण्यतिथि (Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary) है। उनकी पुण्यतिथि पर तमाम राजनीतिक नेताओं ने उन्हें अपने स्तर पर श्रद्धांजलि दी है। आज वाजपेयी जी भले ही दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी वाणी, उनका जीवन दर्शन सभी भारतवासियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। उनका ओजस्वी, तेजस्वी और यशस्वी व्यक्तित्व सदा देश के लोगों का मार्गदर्शन करता रहेगा। ऐसे में आइए जानते हैं वाजपेयी के बारे में पांच ऐसी अनकही बातें, जिन्होंने उन्हें आम से खास बना दिया।
हिंदी प्रेमी
अचल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कई प्रयास किए थे। उनकी खुद की हिंदी भाषा शैली में मजबूत पकड़ थी। 1977 में वे जनता सरकार में विदेश मंत्री थे। संयुक्त राष्ट्र संघ में उनके द्वारा दिया गया हिंदी में भाषण उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था। उनके द्वारा हिंदी के चुने हुए शब्दों का ही असर था कि यूएन के प्रतिनिधियों ने खड़े होकर वाजपेयी के लिए तालियां बजाईं थीं। उन्होंने कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी में दुनिया को संबोधित किया था।
विरोधियों को साथ लेकर चलने की कला
अटल बिहारी वाजपेयी को एक ऐसे नेता के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने विपरीत विचारधारा के लोगों को भी साथ लिया और गठबंधन सरकार बनाई। वह विरोधियों के बीच अपनी इसी आदत के चलते लोकप्रिय थे। विपक्षी पार्टियों के नेताओं की वह आलोचना तो करते ही थे साथ ही अपनी आलोचना सुनने का भी साहस रखते थे। ऐसे में विरोधी भी उनकी बात को बड़ी तल्लीनता से सुनते थे।
कवि प्रेमी थे वाजपेयी
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि अटल जी एक अच्छे राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे कवि भी थे। उन्हें कविताओं का जादूगर कहा जाता था। 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं'... उनकी लोकप्रिय कविताओं में से एक है। संसद से लेकर जनसभाओं तक में वह अक्सर कविता पाठ के मूड में आ जाते थे।
बाजरे का पुआ और कड़ी के शौकीन थे वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी पर डॉ. प्रीतम सिंह द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘अटल बिहारी बाजपेयी सृजन और मूल्यांकन’ का विमोचन दिसंबर 2014 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में विद्या भारती के संस्कृति भवन में हुआ था। डॉ. प्रीतम वे पहले शख्स हैं जिन्होंने वाजपेयी पर शोध किया है। कुल 275 पन्नों की इस पुस्तक के कई पृष्ठों पर डॉ. प्रीतम सिंह के शोध कार्य की झलक प्रस्तुत किए गए घटनाक्रमों के रूप में दिखाई देती है। डॉ. प्रीतम सिंह के किताब में उल्लेख है कि अटल को बाजरे का पुआ और गुझिया बहुत पसंद हैं। ग्वालियर का चूड़ा तो उन्हें इतना अच्छा लगता था कि जब भी वे ग्वालियर जाते तो ढेर सा चूड़ा खरीद लाते। खीर, कढ़ी, पनेछा और गलरा उनकी पसंद रहे हैं।
पीपल के पेड़ के नीचे बनने वाले मुंगौड़े के थे शौकीन
ग्वालियर के एमएलबी रोड पर पीपल के पेड़ के नीचे एक बुढ़िया स्वादिष्ट मुंगौड़े बनाया करती थी, जो अटल की खास पसंद रहे। अटल जब भी ग्वालियर जाते उस पेड़ के नीचे मुंगौड़े बनाने वाली बुढ़िया के मुंगौड़े खाए बिना नहीं लौटते।
Published on:
16 Aug 2021 01:52 pm
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