
Unnao Gangrape Case : बांदा से आया था ट्रक, सीबीआई को मिला ये सुराग
लखनऊ. उन्नाव गैंगरेप मामले (Unnao Rape case) में एक नया खुलासा हुआ है। जिस ट्रक से हादसा हुआ है वह बांदा का बताया जा रहा है। रायबरेली में दुष्कर्म पीड़िता की कार को टक्कर मारने वाले ट्रक चालक और क्लीनर की आज सीबीआई कोर्ट (CBI Court) में पेशी है। ऐसे में सीबीआई की टीम ट्रक का बांदा कनेक्शन ढूंढ रही है। जिस ट्रक से दुष्कर्म पीड़िता की कार को टक्कर मारी गई, उसमें मौरंग लाद कर लाई गई थी। ट्रक हादसे के विवेचक से पूछताछ और कुछ अहम दस्तावेज लेने के बाद टीम बांदा रवाना हो गई। जिस ट्रक से दुष्कर्म पीड़िता की कार को टक्कर मारी गई वो ट्रक बांदा से आया था। उसमें मौरंग लाद कर लाई गई थी।
सीबीआई यह जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं इस ट्रक एक्सीडेंट की घटना का कोई बांदा से कनेक्शन तो नहीं है। पुलिस सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने विवेचक से जानकारी ली कि ट्रक चालक आशीष पाल और क्लीनर मोहन श्रीवास मौरंग कहां से लाए थे।माना जा रहा है कि सीबीआई इस बात पर फोकस कर रही है कि कहीं घटना की साजिश बांदा में तो नहीं रची गई। दुष्कर्म पीड़िता की कार में टक्कर मारने वाले ट्रक के ड्राइवर और क्लीनर शुक्रवार दोपहर को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को निपटाने के लिए सीबीआई को सात दिन का समय दिया है, जिसके बाद सीबीआई की टीमें लगातार इस मामले की छानबीन में जुटी हुई हैं। इसी के साथ सीबीआई की एक टीम ने दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिवार की सुरक्षा में तैनात रहे माखी थाना व पुलिस लाइन से कई पुलिस कर्मियों को पूछताछ के लिए शुक्रवार दोपहर को लखनऊ बुलाया है। बताया गया कि कड़ी सुरक्षा में पुलिस ट्रक ड्राइवर आशीष पाल व क्लीनर मोहन श्रीवास को रायबरेली से लखनऊ सीबीआई कोर्ट ले गई है। इसके साथ ही सीबीआई और फॉरेंसिक टीम (Forensic Team) घटना स्थल पर सीन रिक्रिएशन करने भी पहुंचेगी। इस दौरान ट्रक और स्विफ्ट कार के बीच हुई टक्कर का डेमो कराकर भी देखा जाएगा।
दिल्ली ट्रांसफर नहीं होगा केस
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सीबीआई (CBI) की अपील पर अपना वह आदेश फिलहाल स्थगित कर दिया, जिसमें उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीड़िता की कार के एक्सीडेंट का मामला रायबरेली से दिल्ली ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि गुरुवार को उन्नाव कांड से जुड़े चार अन्य मामले दिल्ली ट्रांसफर करने के लिए दिया गया आदेश बरकरार रहेगा। साथ ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Chief Justice Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने रायबरेली जेल (Raebareli Jail) में बंद पीड़िता के चाचा को जल्द तिहाड़ जेल (Tihad Jail) में शिफ्ट करने का भी आदेश दिया। पीठ ने हादसे में गंभीर घायल हुई पीड़िता और उसके वकील का इलाज दिल्ली में कराने का फैसला भी उनके परिजनों पर ही छोड़ दिया है। हालांकि शीर्ष अदालत ने उन्हें आपात स्थिति में किसी भी समय सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेट्री जनरल (Secretary general) से मदद लेने की छूट दी है। आगे की सुनवाई सोमवार को होगी। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के सामने सीबीआई का पक्ष रखा। उन्होंने पीठ को बताया कि एक्सीडेंट का मामला ट्रांसफर करने पर सीबीआई को कई तरह की तकनीकी समस्याएं झेलनी होंगी। लिहाजा इस आदेश को फिलहाल स्थगित कर दिया जाए। इस पर पीठ ने जांच पूरी होने तक आदेश को स्थगित करने पर सहमति जता दी। पीठ ने बृहस्पतिवार को सीबीआई को जांच पूरी करने के लिए अधिकतम 15 दिनों का वक्त दिया था।
Published on:
03 Aug 2019 09:08 am
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