सीबीआई (CBI) ने एम्स (AIIMS) में एडमिट पीड़िता का बयान दर्ज किया था। पीड़िता ने बताया कि मैंने देखा एक ट्रक ने सीधे हमारी ओर आकर कार को रौंद दिया। पीड़िता ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि सेंगर ने ही ऐक्सिडेंट में मुझे मारने की साजिश रची थी। वह जेल में बैठे-बैठे ही सब-कुछ कर सकता है। मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं चलने में असमर्थ हूं। साथ ही बताया कि ऐक्सिडेंट से पूर्व सेंगर का एक गुर्गा उन्नाव कोर्ट परिसर में आकर अक्सर जान से मारने की धमकी देता था।
वहीं रायबरेली सड़क हादसे की जांच पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को दो और हफ्ते का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर मामले निचली अदालत के जज ,जो इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं, अगर वो 45 दिनों में ट्रॉयल पूरा करने की सीमा को बढ़ाना चाहते है, तो वो कोर्ट को बता सकते हैं। कोर्ट ने शुक्रवार के यह संकेत दिए हैं कि इस मामले की सुनवाई 45 दिनों के भीतर पूरा करने की डेडलाइन को वो बढ़ा सकते है।एम्स में अस्थाई कोर्ट को करे सेटअ- यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि वह निचली अदालत द्वारा पीड़िता के बयान को दर्ज करने के लिए दिल्ली के एम्स में अस्थाई कोर्ट को सेटअप करने की व्यवस्था करे। मामले की जांच में देरी हो सकती है। यह देरी दस दिन की हो तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन तकनीकी आधार पर कोई भी बरी नहीं होना चाहिए।