गोपीगंज की ओबीटी कालीन कंपनी के अध्यक्ष आईबी सिंह ने बताया कि कालीन के लिए हमें अक्टूबर 2021 में ऑर्डर मिला था। इसके बाद 1400 पारंपरिक कालीन बुनकरों ने 6 महीने में 348 कालीन तैयार की है जिन्हे नए संसद भवन में लगाया गया है।
प्रदेश के मुखिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसद भवन लोकार्पण के बहिष्कार पर विपक्ष को घेरा है। उन्होंने कहा कि 28 मई की तारीख देश के इतिहास में दर्ज होने जा रही है। विपक्ष लोकतंत्र का अपमान कर रहा है।
नई संसद की लागत अज्ञात बनी हुई है। शुरुआती ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स को 861.9 करोड़ रुपए में दिया गया था। लेकिन जब तक परियोजना शुरू हुई तब तक लागत बढ़कर 971 करोड़ रुपए हो गई। तब से, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि लागत 1,200 करोड़ रुपए हो गई है। इसमें संस्कृति मंत्रालय द्वारा खरीदी गई कलाकृति के लिए 200 करोड़ रुपए शामिल हैं। सरकार को अभी इसकी अंतिम समापन लागत की घोषणा करनी है।
अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण को चिह्नित करने के लिए स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर जवाहरलाल नेहरू को दिया गया एक सुनहरा राजदंड (Sengol) लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास नए लोकसभा कक्ष में लगाया जाएगा। यह राजदंड उन्हें तमिलनाडु के पुजारियों द्वारा दिया गया था।
लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ‘फाल्स सीलिंग’ के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगाई गई है, जबकि नए भवन के लिए फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था। इमारत पर लगे पत्थर की ‘जाली’ राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंगवाई गई थी।
नए संसद भवन के उद्घाटन पर सरकार 75 रुपए का सिक्का जारी करने का ऐलान कर चुकी है। यह खास 75 रुपए का सिक्का चांदी, तांबा, निकल और जस्ता जैसी धातुओं से बनाया जाएगा। इस खास 75 रुपए के सिक्के को कोलकाता की टकसाल में बनाया गया है, जिसका वजन करीब 35 ग्राम होगा।
वित्त मंत्रालय ने सिक्के के बारे में नोटिस जारी करते हुए लिखा कि नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन जारी किया जाने वाला 75 रुपए का सिक्का 50% चांदी, 40% तांबा, 5% निकल और 5% जिंक से बनाया गया है।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधान मंत्री के लिए इमारत में तीन ओर से तीन औपचारिक प्रवेश द्वार हैं। संसद के दौरे के लिए आगंतुकों सहित जनता के लिए प्रवेश, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया भवन के पास से होगा। यहां निर्माण अवधि के दौरान से एक अस्थायी रिसेप्शन काम कर रहा है।
बिल्डिंग कोड के अनुसार चूंकि दिल्ली भूकंपीय क्षेत्र-V में है, इसलिए इमारत को भूकंप-सुरक्षित बनाया गया है। परियोजना को कानूनी चुनौतियों के खिलाफ तर्क देते हुए सरकार ने बताया था कि मौजूदा संसद भवन भूकंप से खतरे में है। जबकि नया संसद भवन भूकंप रोधी है।
कालीन नगरी के नाम से पूरे विश्व में विख्यात भदोही जनपद की हस्तनिर्मित कालीन आज उद्घाटित होने वाले नए संसद भवन की शोभा बढ़ाएंगी।
Aniket Gupta