
शिवपाल ने बनाया नया मोर्चा, जानिये इनका विधायक से मंत्री बनने तक का सफर
लखनऊ. शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी से नई पार्टी बनाने का ऐलान करके प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा नामक नई पार्टी बना ली है। उनका कहना है उन्होंने यह पार्टी पिछड़ों को जोड़ने के लिए बनाई है। उन्होंने कहा की जितने भी सेक्युलर लोग हैं उनको जोड़ना ही उनका मकसद है। आइये जानते हैं इनका राजनीतिक करियर...
ऐसे सीखा राजनीति का ककहरा
शिवपाल यादव का जन्म 6 अप्रैल 1955 को सैफई में हुआ। 1974 में उन्होंने इंडरमीडिएट की परीक्षा पास की और 1977 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीपीएड किया। जब शिवपाल सिंह यादव ने होश संभाला तो उनके बड़े भाई मुलायम सिंह यादव प्रदेश की राजनीति में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। जब तक शिवपाल ने पढ़ाई पूरी कि बड़े भाई मुलायम राजनीति में पहचान बना चुके थे। शिवपाल ने बड़े भाई मुलायम की उंगली पकड़ कर धीरे-धीरे राजनीति का ककहरा सीखा। मुलायम सिंह अपनी राजनीति के चलते कभी दिल्ली तो कभी लखनऊ जाते रहते और शिवपाल क्षेत्र में लोगों के बीच क्षेत्र में घूमकर सोशलिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लेते और भाई मुलायम का प्रचार करते। चुनावों में पर्चें बांटने से लेकर बूथ-समन्वयक तक की जिम्मेदारी उन्होंने निभाई है। मधु लिमये, चौधरी चरण सिंह, जनेश्वर मिश्र जैसे बड़े नेताओं की सभाएं करवाने की जिम्मेदारी भी अक्सर मुलायम सिंह भाई शिवपाल को ही सौंप देते थे।
कब शुरू शुरू राजनीतिक करियर
शिवपाल यादव का राजनीतिक करियर शुरू हुआ 1988 में। 1988 से 1991 और फिर 1993 में वो जिला सहकारी बैंक (इटावा) के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद 1995 से लेकर 1996 तक वे इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। इसी बीच 1994 से 1998 के बीच शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के भी अध्यक्ष बने। 1996 में मुलायम सिंह ने जसवंतनगर विधानसभा से उन्हें से विधानसभा का चुनाव लड़ाया। उन्होंने बड़े अंतर से चुनाव जीता। वो 1996 से लगातार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
मजबूत नेता के तौर पर फेमस थे शिवपाल
शिवपाल यादव 20 साल से विधानसभा के सदस्य रहे। वे समाजवादी पार्टी के संगठन को मजबूत करने वाले नेता के तौर पर जाने जाते थे। पार्टी कार्यकर्ताओं में शिवपाल अपने अच्छे बर्ताव के लिए भी मशहूर रहे हैं। इसके साथ ही साथ वे मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की सरकार में वो कई अहम मंत्रालयों के मंत्री रहे हैं। वो उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष रहे हैं। शिवपाल लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पार्टी पर अखिलेश यादव की पकड़ मजबूत होने के बाद शिवपाल यादव किनारे कर दिए गए हैं। जिसके बाद आज उन्होंने नई पार्टी का गठन किया है।
Updated on:
29 Aug 2018 12:50 pm
Published on:
29 Aug 2018 12:40 pm
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