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UP Agriculture: गन्ना विकास विभाग का बड़ा लक्ष्य: यूपी की अर्थव्यवस्था को मिलेगा 1.41 लाख करोड़ का योगदान

UP sugarcane: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में गन्ना विकास विभाग ने वर्ष 2025-26 में 1.41 लाख करोड़ रुपये के जीवीओ (ग्रॉस वैल्यू आउटपुट) का लक्ष्य तय किया है। इस योजना के तहत गन्ना कृषि और संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जाएगा।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Apr 03, 2025

यूपी को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने में गन्ना विकास विभाग देगा 1.41 लाख करोड़ रुपए का योगदान

यूपी को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने में गन्ना विकास विभाग देगा 1.41 लाख करोड़ रुपए का योगदान

UP Government: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश के गन्ना विकास विभाग ने सीएम योगी के मिशन को पूरा करने के लिए वर्ष 2025-26 में 1,41,846 करोड़ रुपए के जीवीओ (ग्रॉस वैल्यू आउटपुट) का लक्ष्य रखा है। गन्ना विकास विभाग ने अपनी वर्ष 2025-26 की कार्य-योजना प्रस्तुत की है, जिसमें गन्ना कृषि और संबंधित उद्योगों का उचित क्रियान्वयन कर राज्य सरकार पर अपनी आश्रितता को कम करते हुए प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने की रणनीति बनाई गई है।

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गन्ना विकास विभाग ने प्रस्तुत की वर्ष 2025-26 की कार्य-योजना

उत्तर प्रदेश गन्ना विकास विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए अपनी कार्य-योजना प्रस्तुत की है, जिसमें प्रमुख लक्ष्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में आगामी वर्ष में 1,41,846 करोड़ रुपए जीवीओ का योगदान देने का रखा गया है। गन्ना विकास विभाग ने अपनी कार्य-योजना में स्पष्ट किया है कि सीएम योगी के मार्गदर्शन में जिस तरह वर्ष 2023-24 में विभाग ने 1,09,461 करोड़ रुपए जीवीओ का योगदान दिया था, उसे इस वर्ष बढ़ाकर 1,41,846 करोड़ रुपए जीवीओ का लक्ष्य रखा गया है।

गन्ने और गुड़ का बढ़ता योगदान

इस कार्य-योजना के अनुसार, गन्ने का योगदान 1,03,038 करोड़ रुपए जीवीओ तय किया गया है, जबकि गुड़ का योगदान 38,808 करोड़ रुपए रखा गया है। इससे प्रदेश के गन्ना किसानों और गन्ना आधारित उद्योगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।

प्रदेश सरकार पर आश्रितता कम करने का लक्ष्य

  • गन्ना विकास विभाग ने लक्ष्य प्राप्ति और प्रदेश सरकार पर अपनी आश्रितता कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण विषय तय किए हैं:
  • चीनी मिल संघ की औसत रिकवरी प्रतिशत: इसे 9.56% से बढ़ाकर 10.50% तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • 91.54 लाख कुंतल चीनी की समयबद्ध बिक्री: जिससे चीनी बिक्री की अनिश्चितता और देरी से होने वाली हानियों को रोका जा सके।
  • भंडारण क्षमता: चीनी मिलों की भंडारण क्षमता को बढ़ाकर 4 लाख कुंतल तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • वित्तीय स्वतंत्रता: वर्तमान में गन्ना विकास विभाग अपनी योजनाओं के संचालन के लिए लगभग 1200 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्राप्त करता है। विभाग ने तकनीकी खामियों को दूर कर प्रदेश सरकार पर अपनी आश्रितता कम करने का लक्ष्य तय किया है।
  • कुशल श्रमिकों की भर्ती: मई 2025 तक चीनी मिलों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से कुशल श्रमिकों की भर्ती सुनिश्चित की जाएगी।

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गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदम

  • किसानों को अत्याधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
  • जैविक खेती और उन्नत बीजों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए गन्ना किसानों को सीधी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • गन्ना किसानों को अनुदान और सब्सिडी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए नई रणनीतियां बनाई जा रही हैं।

गन्ना किसानों को कैसे होगा लाभ

  • गन्ना विकास विभाग की इस कार्य-योजना से गन्ना किसानों को कई लाभ होंगे:
  • गन्ने की अधिक कीमत मिलने की संभावना बढ़ेगी।
  • चीनी मिलों में गन्ने की पेराई की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
  • बकाया भुगतान की प्रक्रिया में सुधार होगा।
  • गन्ना किसानों को फसल बीमा का लाभ मिलेगा।
  • आधुनिक तकनीकों के उपयोग से उत्पादन लागत कम होगी।