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राजभर, बिंद, गोड़ और खटिक के सहारे ओबीसी और दलितों में पैठ बनाएंगे योगी

इस कैबिनेट विस्तार के बाद अब मंत्रियों की संख्या बढ़कर 60 हो गयी है।

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लखनऊ

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Pragati Tiwari

Sep 27, 2021

राजभर, बिंद, गोड़ और खटिक के सहारे ओबीसी और दलितों में पैठ बनाएंगे योगी

राजभर, बिंद, गोड़ और खटिक के सहारे ओबीसी और दलितों में पैठ बनाएंगे योगी

लखनऊ.Up Assembly Election 2022 योगी मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार के बाद अब मंत्रियों को विभाग भी बंट चुके हैं। सरकार में शामिल सात मंत्रियों को बमुश्किल चार से पांच माह ही ठीक से काम करने का मौका मिलेगा। जब तक मंत्रियों को कार्यप्रणाली समझ में आएगी तब तक आचार संहिता लग जाएगी या फिर चुनावी गहमागहमी शुरू हो जाएगी। नए मंत्रियों में जितिन प्रसाद को छोड़कर बाकी के पास मंत्री के रूप में कार्य करने का अनुभव भी नहीं है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ चुनाव में सिर्फ जातीय समीकरण को साधने के लिए नए मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है। नए चेहरों में तीन ओबीसी हैं। दो अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के हैं। ब्राह्मणों को खुश करने के लिए जितिन प्रसाद को शामिल किया गया है।
गैर यादव-गैर जाटव समीकरण पर कायम रहते हुए योगी ने ओबीसी के साथ ही दलित जातियों को भी संदेश देने की कोशिश की है। पूर्वांचल में बिंद जाति और पश्चिम में खटिक जातियों को साधने की कोशिश हुई है। अवध क्षेत्र के बलरामपुर से पल्टू राम और मेरठ के हस्तिनापुर से दिनेश खटीक को राज्यमंत्री बनाया गया है। इससे पश्चिम में चंद्रशेखर की आजाद पार्टी की रफ्तार थामने की कोशिश की गयी है तो अवध में दलितों को साधा गया है। वहीं रुहेलखंड में संतोष गंगवार की भरपायी लिए बहेड़ी के छत्रपाल सिंह गंगवार को शामिल किया गया है।
निषादों को खुश करने की कोशिश
जिन सात मंत्रियों को शामिल किया है, उनमें मुख्य रूप से डा. संगीता बलवंत, संजय गौड़, पल्टू राम और दिनेश खटीक पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। इनकी उम्र 43 से लेकर 49 वर्ष के बीच है। निषाद समाज से डॉ. संगीता बलवंत शिक्षित वर्ग से हैं। इन्हें शामिल कर निषाद समाज में शिक्षित लोगों को आगे आने का ही संदेश देने का प्रयास किया गया है। बलरामपुर से लेकर मेरठ, आगरा और बरेली व पूर्वांलच को प्रतिनिधित्व देकर क्षेत्रीय संतुलन बिठाने का भी प्रयास किया गया है। इस कैबिनेट विस्तार के बाद अब मंत्रियों की संख्या बढ़कर 60 हो गयी है।
किसे क्यों बनाया मंत्री
जितिन प्रसाद: चुनाव में ब्राह्मणों को रिझाने के लिए जितिन प्रसाद को मंत्रीपद से नवाजा गया है।
छत्रपाल गंगवार: केंद्रीय मंत्री रहे संतोष गंगवार की जगह को भरने के लिए कुर्मी नेता छत्रपाल गंगवार को जगह दी गयी है।
धर्मवीर सिंह प्रजापति:धर्मवीर प्रजापति अभी यूपी माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं। कुम्हारों के नेता के रूप में उन्हें प्रमोट किया गया।
डॉ. संगीता बिंद: ओबीसी समुदाय की संगीता बिंद, मझवार समाज से आती हैं। पूर्वांचल में मछुवारा समाज को खुश करने की कोशिश।
पलटूराम: दलित नेता पलटू राम बलरामपुर से विधायक हैं। यह प्रखर वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। दलितों को खुश करने की कोशिश।
दिनेश खटीक: दलित नेता दिनेश खटीक मेरठ की हस्तिनापुर सीट से भाजपा विधायक हैं। पश्चिमी यूपी में चंद्रशेखर आजाद के प्रभाव को कम करने कोशिश।
संजय गोंड: संजय गोंड़ अनुसूचित जनजाति से भाजपा के एकमात्र विधायक हैं। सोनभद्र की ओबरा सीट से विधायक हैं। इनके जरिए गोंड़ जाति को साधने की कोशिश होगी।