
लखनऊ. दलितों को लुभाने के लिए भाजपा दलित बहुल क्षेत्रों में अपने विधायकों, सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों और राज्य सरकार के मंत्रियों को भेज रही है। इस योजना का नाम दिया गया है ग्राम स्वराज अभियान। इस अभियान के तहत विधायक और मंत्री गांव-गांव पहुंच कर चौपाल लगा रहे हैं और दलितों के घर खाना खा रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह योजना अब विवादों में घिरती नजर आ रही है। योगी के एक मंत्री ने बयान दिया है कि दलित के घर भोजन से शबरी की याद आ गयी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि हम राम नहीं हैं जो दलितों के घर भोजन कर उन्हें पवित्र कर दें। उमा के इस बयान के बाद भाजपा में हड़कंप मचा है। नेताओं यह नहीं सूझ रहा कि आखिर वे उमा के बयान का क्या जवाब दें।
ग्राम स्वराज अभियान के सिलसिले में प्रदेश के ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री और झांसी जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह मंगलवार को झांसी पहुंचे। यहां उन्होंने एक दलित के घर खाना खाया। भोजन के बाद उन्होंने कहा कि दलित के घर खाना खाने का अनुभव सुखद है।
जमीन पर बैठकर खाना खाया
गढ़मऊ गांव में एक दलित के घर जमीन पर बैठकर भोजन करने के बाद उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि मेरी मां बताया करती थीं कि एक दलित महिला ने ही मेरी नाल काटी थी। आज दलित परिवार के घर खाना खा कर मुझे भगवान राम और शबरी के संवाद की याद आ गयी। भाजपा के मंत्री ने खुद की तुलना भगवान राम के साथ कर दी।
राम ने भी शबरी के झूठे बेर खाए थे
मंत्री राजेंद्र प्रताप का कहना था कि, 'भगवान राम और शबरी का संवाद रामायण में है। आज जब ज्ञानजी की मां ने मुझे रोटी परोसी तो उन्होंने कहा मेरा उद्धार हो गया। किसी राजा के यहां भोजन किया होता तो शायद उनकी मां ने ये न कहा होता।" मंत्री जी ने आगे कहा कि राम ने भी शबरी के झूठे बेर खाए थे। मैं प्रदेश सरकार के मंत्री के रूप में पुन: साधुवाद देना चाहूंगा देश के प्रधानमंत्री को, जिन्होंने हमें इस दिशा की ओर मोड़ा।
उमा भारती ने भोजन पर उठाया सवाल
बीजेपी नेताओं के दलितों के घर खाना खाने के मामले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अलग रुख अख्तियार किया है। गौरतलबह है कि यूपी में दलितों के घर खाने की शुरुआत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतापगढ़ और अमरोहा में दलित के घर जाकर खाना खाया था। अब केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने इस पर सवाल उठाया है।
सामाजिक समरसता का पैमाना बदला
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम भगवान राम नहीं हैं कि दलितों के साथ भोजन करेंगे, तो वो पवित्र हो जाएंगे। जब दलित हमारे घर आकर साथ बैठकर भोजन करेंगे, तब हम पवित्र हो पाएंगे। दलित को जब मैं अपने घर अपने हाथों से खाना परोसूंगी तब मेरा घर धन्य हो जाएगा। उमा भारती ने यह बातें मध्यप्रदेश के छतरपुर के नौगांव के ददरी गांव में कहीं। उन्होंने कहा कि अब वो जमाना चला गया जब दलितों के घर में बैठकर भोजन करना सामाजिक समरसता का सूत्र था। अब तो राजनीति में जो दलितों और पिछड़ों के साथ भेदभाव होता है, उसमें सामाजिक समरसता लानी पड़ेगी। उमा के इस बयान के बाद भाजपा नेताओं में हडक़ंप मचा हुआ है। उन्हें सूझ नहीं रहा कि आखिर वे उमा भारती के इस बयान का क्या जवाब दें।
दलित के घर हलवाई का खाना
मंत्री सुरेश राणा अलीगढ़ में एक दलित परिवार के यहां खाना खाने पहुंचे तो उनके लिए हलवाई का बना खाना परोसा गया औऱ बाहर से मिनरल बोतल और खाना मंगाया गया। मामले में मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि उनके साथ सौ से ज्यादा लोग गए थे, जिनके लिए हलवाई बुलवाया गया था। उन्होंने खुद उस परिवार में बना खाना ही खाया।
विकास से तोड़ेंगे जातिवादियों का गठजोड़: सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वह विकास के हथौड़े से जातिगत गठजोड़ को तोड़ेंगे। उन्होंने गोरखपुर में रात्रि प्रवास के दौरान कहा कि मोस्ट ओबीसी-मोस्ट एससी कोई नारा नहीं बल्कि समाज को जोडऩे और अंतिम व्यक्ति को प्रतिनिधित्व देने की उनकी कार्ययोजना है। दस्तक और ग्राम स्वराज जैसे अभियान को वह इसकी मजबूत कड़ी बताते हैं। गोरखपुर प्रवास के दौरान पत्रकारों के साथ रात्रिभोज में मुख्यमंत्री ने सभी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
विपक्ष ने बताया नाटक
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने मंत्री के बयान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता खुद को भगवान राम समझने लगे हैं। ये लोग गरीबों के नाम पर नौटंकी कर रहे हैं। ये लोग सरकार में हैं। इनकी जिम्मेदारी है कि नाटक बंद कर गरीबों को हर रोज बेहतर भोजन की व्यवस्था कराएं। भाजपा के नेता गांव में बिसलेरी और फाइव स्टार होटल का खाना लेकर जाते हैं। इससे गरीब का भला नहीं होने वाला। बेहतर हो कि मुख्यमंत्री हर रोज दस गरीबों को अपने साथ सुबह नाश्ते पर बुलाएं और उनके साथ भोजन करें।
मंत्री-विधायक ही करा रहे फजीहत, रेप के लिए मोबाइल जिम्मेदार
बलिया के बैरिया से विधायक सुरेंद्र सिंह ने पिछले दिनों रेप से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि रेप की घटनाओं के लिए अभिभावक जिम्मेदार हैं। विधायक ने कहा कि पंद्रह साल से कम उम्र के बच्चों को अभिभावक को निगरानी में रखना चाहिए और उन्हें स्वच्छंदता नहीं देनी चाहिए।
जिन्ना देशभक्त- मंत्री मौर्य
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिन्ना ने देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जिन्ना की तस्वीर हटाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो इस प्रकार के बकवास भरे बयान देता है, उनके लिए लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है।
Published on:
02 May 2018 06:25 pm
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