
UP Board 12th exam cancelled and Deputy CM told formula to pass
लखनऊ. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) की 12वीं की परीक्षाएं योगी सरकार द्वारा रद्द कर दी गई हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद यूपी बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है। जिससे यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों का इंतजार खत्म हो गया है। परीक्षाओं के रद्द होने से अभ्यर्थी खुशी के मारे फूले नहीं समा रहे हैं। इस बैठक में शिक्षा विभाग (Education Department) के उच्च अधिकारी भी शामिल रहे। बैठक के बाद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने का ऐलान किया। इससे पहले सीबीएसई ने भी 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने का ऐलान किया था। सीएम योगी ने भी इस फैसले का स्वागत किया था, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द की जा सकती हैं।
बैठक के बाद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में कुछ समय लग सकता है। इस वजह से पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अलग-अलग प्रदेशों की समीक्षा की थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया था। अब यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया गया है। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला लिया गया। 100 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुई है कोरोना महामारी के कारण यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द हुई हैं।
डिप्टी सीएम ने बताया कि जिस तरह 10वीं कक्षा में नंबरों का फॉर्मूला रखा गया है वही फॉर्मूला 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी अपनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 9वीं कक्षा के नंबर और 10वीं कक्षा के प्री बोर्ड के नंबर के औसत के आधार पर 10वीं के छात्रों को अंक दिए जाएंगे। अगर प्री बोर्ड के या 9वीं के नंबर नहीं होगे तो भी छात्र को प्रमोट किया जाएगा। भविष्य में छात्र के पास रेगुलर परीक्षा में बैठने का विकल्प भी होगा। इसके साथ ही बताया कि कई जगह बीते वर्ष 11वीं की परीक्षा भी नहीं हो पाई थी और उन्हें प्रमोशन दे दिया गया था। तब ऐसी स्थिति में इस साल जो प्री बोर्ड कराई गई है, इस परीक्षा के अंक और हाईस्कूल के अंक को जोड़कर जो औसत होगा उसके आधार पर 12वीं कक्षा के उत्तीर्ण छात्र की अंकतालिका बनाई जाएगी।
बैक पेपर की भी होगी सहूलियत
डिप्टी सीएम ने बताया कि इसके अलावा हाईस्कूल और इंटर दोनों में यह भी ऑप्शन रहेगा कि, छात्र अगर इन अंकों से संतुष्ट नहीं है और उसे लगता है कि वह इससे ज्यादा अंक प्राप्त कर सकता है, तो वह बैक पेपर के जरिए जिन विषयों में इंप्रूवमेंट चाहता है, वह दे सकता है। ये सामान्य परीक्षा से पहले या फिर सामान्य परीक्षा के साथ वह पेपर दे सकते हैं। इस परीक्षा में जो अंक उन्हें मिलेंगे। वह उन विषयों में जोड़ दिए जाएंगे। जिससे बैक पेपर के माध्यम से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों को सहूलियत मिल सके।
आन्तरिक मूल्यांकन में पर्फामेंस के आधार पर मिलेंगे अच्छे अंक
गौरतलब है कि इस साल यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए 56 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। जिनमें इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में 14,73,771 बालक और 11,35,730 बालिकाओं को मिलाकर कुल 26,09,501 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं, जिन्हें बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना था। बता दें कि जिन बच्चों ने बोर्ड परीक्षा की बेहतर ढ़ंग से तैयारी की है, उन्हें भी परीक्षा रद्द होने से कोई खास नुकसान नहीं होगा, क्योंकि उनके शिक्षक उनकी योग्यता और क्षमता से बखूबी वाकिफ होते हैं और उन्हें आन्तरिक मूल्यांकन में उनके पर्फामेंस के आधार पर अच्छे अंक ही मिलेंगे। इसके साथ ही उनकी तैयारी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में उन्हें सफलता दिलाएगी। बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने से बच्चों और अभिभावकों के बीच बोर्ड परीक्षा को लेकर जो संशय बना हुआ थी वह भी दूर हो गया। अब बच्चे मन लगाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।
Published on:
03 Jun 2021 03:18 pm
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