
UPSC 2024 Result Success Story
UPSC 2024 के परीक्षा के परिणाम आ गए हैं। प्री, मेंस और इंटरव्यू के बाद जारी परीक्षा परिणामों में उत्तर प्रदेश के युवाओं ने एक बार फिर अपना दमखम दिखाया है। जहां प्रयागराज के दरोगा की बेटी शक्ति दुबे प्रथम स्थान प्राप्त की हैं तो वहीं संत कबीरनगर के पंचर बनाने वाले के बेटे इकबाल को भी सफलता प्राप्त हुई है। सिलसिलेवार पढ़िए इन कैंडिडेट्स के सफलता की कहानी।
प्रयागराज के मामा भांजा तलाब नैनी के रहने वाले देवेंद्र दुबे की बेटी शक्ति दुबे ने UPSC 2024 की परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया है। शक्ति दुबे मूलरूप से बलिया के बैरिया तहसील के रामपुर ( वाजिदपुर) की रहने वाली है। उन्होंने यागराज के ही इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की हैं। इसके बाद उन्होंने वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर्स किया। साल 2018 में उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी शुरू कर दी।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की रहने वाली कोमल पुनिया को 6वां रैंक मिला है। कोमल ने साल 2021 में इंटरमीडिएट की परीक्षा में 97% अंक लेकर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया था। साल 2021 में ही उन्हें IIT रूडकी में उन्होंने फिजिक्स विषय में बीटेक में एडमिशन लिया और सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी। कोमल साल 2023 में UPSC की परीक्षा पास की और उन्हें 474वीं रैंक आया था। वो आईपीएस के लिए चयनित हुई थी और ट्रेनिंग ले रही थीं। आखिरकार उन्हें UPSC 2024 की परीक्षा में उन्हें दुसरा स्थान प्राप्त हुआ।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के रहने वाले मयंक त्रिपाठी ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 10वां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने अपने हले अटेम्प्ट में 337 रैंक हासिल किया था। इस बार यह उनका दूसरा प्रयास था और उन्हें 10वीं रैंक मिली है। इससे पहले उनका सेलेक्शन UP PCS के तहत DSP के पद पर हुआ था।
उन्नओं जिले के पुरवा तहसील के अजयपुर गांव के रहने वाले राघवेंद्र मिश्रा की बेटी सौम्या मिश्रा को 18वीं रैंक मिली है। सौम्या की पढ़ाई दिल्ली में ही पूरी हुई है। उनके पिता दिल्ली के एक कॉलेज में प्रोफेसर हैं। मां रेणु मिश्रा हाउस वाइफ हैं। पूरा परिवार दिल्ली के भजनपुरा इलाके में रहता है। सौम्या के एक भाई और एक बहन हैं। फिलहाल सौम्या उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में SDM के पद पर तैनात हैं।
प्रयागराज के रहने वाले अभि जैन को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में 34वीं रैंक हासिल हुआ है। उनका सिलेक्शन IAS में हुआ है। फिलहाल वो प्रयागराज डाकघर में प्रवर अधीक्षक के पद पर तैनात हैं।
अमेठी जिले के जगदीशपुर विधानसभा के ग्राम पंचायत कचनाव के रहने वाले सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी के बेटे अंकुर त्रिपाठी को 50वां स्थान मिला है। अंकुर ने हाईस्कूल तक की पढ़ाई डीएवी कॉलेज कुमारगंज और इंटरमीडिएट की पढ़ाई लखनऊ के चारबाग के बाल विद्या मंदिर से पूरी की। उन्होंने गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय से वर्ष 2017 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। बीटेक करने के बाद वे दिल्ली चले गए और सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी।
रायबरेली निवासी रामनरेश सिंह के बेटे शिवम सिंह ने 73वीं रैंक हासिल कर सफलता की नई मिसाल कायम की है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इंटरमीडिएट तक रायबरेली में पूरी की और फिर लखनऊ के एक निजी कॉलेज से बीटेक किया। इसके बाद 2019 में उन्होंने आईआईटी से एमटेक की डिग्री प्राप्त की। शिवम का सफर यहीं नहीं रुका। 2021 में उन्होंने यूपीपीएससी परीक्षा में 38वीं रैंक हासिल कर एसडीएम के पद पर चयनित हुए।
एसडीएम की जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी उन्होंने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी। 2023 में उन्हें 878वीं रैंक मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वर्तमान में वे आंध्र प्रदेश में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। शिवम के पिता विकास भवन के बाहर एक छोटी सी गुमटी में स्टेशनरी बेचते हैं, जबकि उनके बड़े भाई कॉर्पोरेट क्षेत्र में कार्यरत हैं। शिवम की यह उपलब्धि परिवार और समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।
मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत जिले के जाजल गांव की रहने वाली कल्पना की शादी दिसंबर, 2024 में पीलीभीत में बीसलपुर के रहने वाले सूर्य प्रताप सिंह से हुई थी। सूर्य प्रताप सिंह बिहार के रोहतास में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। वो 2021 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। कल्पना ने अपने पति के मार्गदर्शन में आईएएस की तैयारी की। कल्पना ने तीसरे प्रयास में यह सफलता प्राप्त की है। कल्पना की शिक्षा दिल्ली एनसीआर में हुई।
मऊ जनपद की मधुबन तहसील स्थित मर्यादपुर गांव के निवासी राजेश मिश्र और सुनीता मिश्र के पुत्र प्रियांशु मिश्रा ने UPSC परीक्षा में 121वीं रैंक हासिल कर गांव और जिले का नाम रोशन किया है। उनके पिता एक किसान हैं और माता गृहिणी। प्रियांशु ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही विद्यालय से प्राप्त की। हाईस्कूल से बीकॉम तक की पढ़ाई उन्होंने श्रीमती इंदिरा गांधी कॉलेज, मर्यादपुर से पूरी की। इसके बाद उन्होंने महाराणा प्रताप कॉलेज, गोरखपुर से उच्च शिक्षा प्राप्त की। आगे की तैयारी के लिए वे दिल्ली गए और वहीं से UPSC की तैयारी की।
मेरठ के रहने वाले रमेश चंद्र शर्मा के बेटे अभिनव शर्मा को UPSC के सिविल सेवा परीक्षा में 130 रैंक मिला है। उन्होंने आईआईटी पटना से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया, लेकिन जॉब न लेकर यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। उनके पिता बतौर कांस्टेबल अपने पुलिस करियर की शुरुआत की थी और अब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
प्रयागराज के रहने वाले प्रतीक मिश्रा का चयन इस बार IAS में हुआ है। वर्तमान में वे अपने परिवार सहित दिल्ली में रह रहे हैं। प्रतीक ने अपने तीसरे प्रयास में UPSC परीक्षा में 234वीं रैंक हासिल की है। उनकी माता रीता मिश्रा हैं, जबकि पिता पूर्व में CDO (मुख्य विकास अधिकारी) के पद पर कार्यरत थे। प्रतीक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित आईआईटी से की है।
सुल्तानपुर के खंडनगर के हरपुर के शुभम मिश्रा ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 333वीं रैंक हासिल की है। आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने वाले शुभम पहले भी 2022 में 688वीं रैंक के साथ आईडीएएस में चयनित हुए थे। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने परिवार को दिया।
बुलंदशहर के यमुनापुरम निवासी तुषार सिंह ने मात्र 22 वर्ष की उम्र में IAS बनकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपने पहले प्रयास में UPSC परीक्षा में 385वीं रैंक प्राप्त की। तुषार ने बुलंदशहर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी, जिसमें उन्होंने 100% अंक हासिल कर सबको चौंका दिया था। उनके पिता ओपी सिंह एक प्रोफेसर हैं।
शाहजहांपुर के तिलहर कस्बे के इमली मोहल्ला निवासी हाजी तसब्बर हुसैन के पुत्र शकील अहमद ने UPSC परीक्षा में 506वीं रैंक हासिल कर सफलता का परचम लहराया है। शकील ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तिलहर के कैंब्रिज स्कूल से कक्षा आठ तक प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने नौंवी और दसवीं की पढ़ाई शाहजहांपुर के तक्षशिला पब्लिक स्कूल से पूरी की। उन्होंने 12वीं की परीक्षा अलीगढ़ में रहकर पास की और फिर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीटेक की डिग्री प्राप्त की।
इसके बाद शकील दिल्ली चले गए और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग कैंपस में रहकर UPSC की तैयारी शुरू की। उन्हें यह सफलता चौथे प्रयास में मिली है। इससे पहले दो बार मेंस और एक बार इंटरव्यू में असफलता के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए आईपीएस बनने का सपना साकार किया।
अंबेडकरनगर में टांडा तहसील के हरसम्हार गांव निवासी अमित यादव (28 साल) की 509वीं रैंक है। अमित की शुरुआती पढ़ाई भवानी भीख सिंह लघु माध्यमिक विद्यालय नारायनपुर से हुई। उन्होंने हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई राघेय राघव इंटर कॉलेज हंसवर से की। इसके बाद राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बांदा से बीटेक किया। अमित पहले भी यूपीएससी की परीक्षा पास कर रेलवे में एआरएम (असिस्टेंट रीजनल मैनेजर) के पद पर चयनित हुए थे।
सुल्तानपुर के राहुलनगर ताजुद्दीनपुर के गौरव पटेल को UPSC के सिविल सेवा परीक्षा में 613 रैंक मिला है। गौरव पटेल सेवानिवृत्त इफको क्षेत्रीय प्रबंधक घनश्याम वर्मा के बेटे हैं। वर्तमान में लखनऊ में रह रहे इस परिवार में गौरव के छोटे भाई सौरभ पटेल भी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं।
सुल्तानपुर जिले के कोतवाली कादीपुर क्षेत्र के घूरीपुर गांव के रहने वाले अनुराग रंजन वातस की यूपीएससी 2024 में 651वीं रैंक है। पिता मैदान सिंह बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक से चीफ अकाउंटेंट के पद से सेवानिवृत्त हैं। माता कंचन सिंह गृहिणी होने के साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्री के रूप में कार्यरत हैं। चार बहन-भाइयों में सबसे छोटे अनुराग की तीनों बहनें प्रतिष्ठित कंपनियों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
मूलरूप से सुल्तानपुर के कुड़वार थाना क्षेत्र के ऊंच गांव के रहने वाले डॉ. महेंद्र द्विवेदी की बेटी दिशा ने अपने पिता, प्रोफेसर डॉ. महेंद्र द्विवेदी का सपना साकार कर दिखाया है। दिशा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ से प्राप्त की। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय, लखनऊ से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह नोएडा गईं, जहाँ उन्होंने 2020 में बीटेक की डिग्री हासिल की। बीटेक के बाद दिशा ने आईएएस बनने का निश्चय किया और दिन-रात 18 से 20 घंटे की मेहनत से अंततः सफलता प्राप्त की।
औरैया जिले के दिबियापुर स्थित इंद्रानगर की रहने वाली तान्या गुप्ता ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 720वीं रैंक हासिल कर बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। तान्या पिछले सात वर्षों से सिविल सेवा की तैयारी में जुटी थीं। चार बार असफलताओं का सामना करने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार पांचवें प्रयास में सफलता प्राप्त की।
तान्या की जिंदगी की राह आसान नहीं रही। जब वह मात्र ढाई साल की थीं, तभी उनके पिता कृष्ण गोपाल गुप्ता का बीमारी के कारण निधन हो गया था। तमाम मुश्किलों के बावजूद तान्या ने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा और निरंतर मेहनत करते हुए यह मुकाम हासिल किया।
संत कबीरनगर जनपद की मेंहदावल तहसील के फतेहपुर गांव के रहने वाले मकबूल अहमद के बेटे इकबाल अहमद ने UPSC परीक्षा में 998वीं रैंक हासिल कर सफलता की मिसाल पेश की है। इकबाल ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई मेंहदावल से की, इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वे कुछ वर्षों तक गोरखपुर में रहे। वर्तमान में वे बस्ती जिले में श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
इकबाल का सफर संघर्षों से भरा रहा है। उनके पिता, मकबूल अहमद, पहले एसबीआई बैंक नंदौर के पास साइकिल पंचर की दुकान चलाते थे, लेकिन पिछले दो वर्षों से खराब तबीयत के चलते दुकान बंद है। इकबाल पांच भाई-बहनों में से एक हैं—तीन भाई और दो बहनों वाले इस परिवार में उनके अन्य भाई पेंटर का काम करते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद इकबाल ने अपनी मेहनत और लगन से UPSC जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
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Updated on:
22 Apr 2025 09:49 pm
Published on:
22 Apr 2025 09:44 pm
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