
सीएम योगी ने इन अफसरों पर कसा शिकंजा, निशाने पर माया-अखिलेश के मंत्री भी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह एक्शन में नजर आ रहे हैं। नौकरशाही को सुधारने के लिए वह पूरी तरह सख्त हो गए हैं। इसके तहत भ्रष्टाचार के मामलों में मायावती व अखिलेश सरकार के मंत्रियों, आईएएस व आईपीएस अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सालों से लम्बित फाइलों को झाड़-पोंछकर निकालना शुरू कर दिया है। गृह विभाग ने सभी जांच एजेंसियों के अभियोजन स्वीकृति के लम्बित मामलों की संख्या निकाली तो वह 520 पर पहुंच गई है। इनमें सबसे अधिक करीब 300 प्रकरण ईओडब्ल्यू तथा लगभग 160 मामले सतर्कता के हैं। अब प्रदेश सरकार जल्द ही कार्रवाई करने जा रही है। इन लोगों के खिलाफ जांच एजेंसियों के पास बीस वर्षों से ज्यादा समय से लटके पड़े थे। सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद इन सभी मामलों को अब दो महीने में ही निपटने के लिए गृह विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
मायावती के ये खास मंत्री पर गिरेगी गाज
रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाए जाने के मामले में सीबीसीआईडी की जांच में पुलिस अधिकारियों व नेताओं की भूमिका सामने आई थी। अगर इसमें कार्रवाई होती है तो दो अहम जगह तैनात आईपीएस अफसर इसके दायरे में आएंगे। इनमें एक एडीजी जोन बरेली प्रेम प्रकाश हैं और दूसरे उन्नाव के एसपी हरीश कुमार। इनके खिलाफ हुसैनगंज कोतवाली में दो केस सीबीसीआईडी ने दर्ज करवाए थे। इसके अलावा कई साल से ईओडब्ल्यू व एसआईटी में चल रही खाद्यान्न घोटालों की जांच में भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। वहीं माया सरकार में मंत्री रहे अवध पाल सिंह, बाबू सिंह कुशवाहा, नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर भी कार्रवाई को लेकर फैसला हो सकता है। हाल ही में सरकार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी है।
इसके चलते ऐसे ही कई घोटालों के मामलों में भी अभियोजन की स्वीकृति लंबित चल रही है। सतर्कता के 160 मामलों में सबसे अधिक 34 मामले चिकित्सा विभाग से जुड़े हैं, जबकि ईओडब्ल्यू के 300 मामलों में 200 मामले खाद्य एवं रसद विभाग से जुड़े हैं।
जांच एजेंसियों के अटके मामले
ईओडब्ल्यू : 300
विजिलेंस : 159
सीबीसीआईडी : 23
एसीओ : 20
एसआईटी : 20
Published on:
02 Aug 2018 02:24 pm
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