
Uttar Pradesh Assembly election 2022 : संघ व भाजपा की हर बैठक में अब यूपी चुनाव ही मुद्दा, सत्ता-संगठन में हो सकता है बड़ा बदलाव
लखनऊ.
का पूरा फोकस 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव पर है। सूबे की राजनीति को लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बैठकें तेज हो गयी हैं। संघ और संगठन के पदाधिकारियों का यूपी आना-जाना जारी है। यूपी में सरकार और पार्टी के कामकाज का फीडबैक जुटाया जा रहा है। संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बाद सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे। बीजेपी के यूपी प्रभारी राधामोहन सिंह भी उनके साथ हैं। दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। कील-कांटे दुरुस्त किए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो जून से हर माह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे और चुनावी रणनीति uttar pradesh assembly elections 2022 का खाका खीचेंगे।
नौकरशाह से एमएलसी बने अरविंद कुमार शर्मा ने 21 मई को पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात की थी। 23 मई को दिल्ली में बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के बीच शीर्ष पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी शामिल हुए। बैठक के अहम मुद्दों में से एक यूपी विधानसभा चुनाव 2022 भी था। अगले दिन 24 मई को दिल्ली की बैठक में शामिल रहे संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे और संघ के स्थानीय पदाधिकारियों से बातचीत कर भाजपा व संघ परिवार के संगठनों के बारे में फीडबैक लिया। इस दौरान वह न तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले और न ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत किसी प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति से मुलाकात की। उन्होंने क्या रिपोर्ट सौंपी इसको लेकर कयासबाजी जारी है।
सरकार और संगठन में फेरबदल की अटकलें
कोरोना संकट, किसान आंदोलन और पंचायत चुनावों में नि:संदेह बीजेपी की लोकप्रियता का ग्राफ गिरा है, इसे फिर से ऊपर लाना बड़ी चुनौती है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जिस तरह से बीजेपी की लगातार उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं, संगठन और मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की संभावना है। चूंकि, विधानसभा चुनाव में साल से भी कम का वक्त बचा है, ऐसे में पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि यूपी बीजेपी संगठन में अब छोटी-मोटी सर्जरी की नहीं बल्कि बड़े ऑपरेशन की जरूरत है। सियासी गलियारों में भी अटकलें हैं कि संगठन और सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों को साइडलाइन किया जा सकता है। वहीं, कुछ नये चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इनमें पीएम मोदी के करीबी रहे नौकरशाह एके शर्मा (AK Sharma) का नाम सबसे ऊपर है। स्मृति ईरानी को भी बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चा है। फिलहाल, नजर जिला पंचायत चुनाव पर है।
'नाक' का सवाल बना जिला पंचायत चुनाव
बीजेपी यूपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह अगुआई में भारतीय जनता पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष (Jila Panchayat Adhyaksh) और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की तैयारियों में जुटी है। जिला पंचायत सदस्य चुनाव में बीजेपी सपा से पिछड़ती दिखी थी, जिसके बाद से भाजपा आलाकमान सतर्क है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी शायद इसे समझ चुके हैं, इसीलिए उनकी कोशिश ज्यादातर जिलों में बीजेपी के अध्यक्ष जितवाने की है, ताकि वह अपनी काबिलियत का लोहा मनवा सकें। अब बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को नाक का सवाल मान कर दिन-रात एक किये हुए है। जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख चुनाव की अधिसूचना 15 जून के बाद कभी भी जारी हो सकती है।
Updated on:
31 May 2021 07:02 pm
Published on:
31 May 2021 06:08 pm
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