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यूपी के विवि ने शुरू की पोर्टेबल डिग्री, छात्रो के लिए बड़ी राहत, कहीं से भी कर सकेंगे पढ़ाई

UP Government Academic Bank: उत्तर प्रदेश में भी केंद्र सरकार के एकेडमिक बैंक क्रेडिट के बाद नई शिक्षा नीति के तहत समान क्रेडिट के लिए एकेडमिक बैंक फॉर कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी पोर्टल की शुरु कर दिया है।

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लखनऊ

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Snigdha Singh

Jun 21, 2022

UP Government Academic bank for college university portal for degree

UP Government Academic bank for college university portal for degree

छात्र अब स्नातक की पढ़ाई अलग-अलग शहरों ही नहीं, बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी कर सकेंगे। उदाहरण के लिए कानपुर से सर्टिफिकेट कोर्स, दिल्ली से डिप्लोमा तो मुंबई से डिग्री पूरी कर सकेंगे। केंद्र सरकार के एकेडमिक बैंक क्रेडिट के बाद प्रदेश सरकार ने भी नई शिक्षा नीति के तहत समान क्रेडिट के लिए एकेडमिक बैंक फॉर कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी पोर्टल की शुरुआत कर दी है। इसके लिए बकायदा सभी विश्वविद्यालयों में नोडल अधिकारी तक नियुक्त कर दिए गए हैं। नई पहल के अनुसार इस समान क्रेडिट स्कोर के आधार पर छात्र-छात्राएं पाठ्यक्रम के किसी भी ईयर में कॉलेज, शहर और प्रदेश बदल सकेंगे।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में एकेडमिक बैंक फॉर कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी पोर्टल का नोडल अधिकारी सीडीसी निदेशक डॉ. आरके द्विवेदी को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बैंक से सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय पंजीकृत होंगे। उन्हें सभी सूचनाएं उपलब्ध करानी होंगी। इसके बाद राज्य पोर्टल को केंद्रीय पोर्टल से जोड़ा जाएगा। फिर किसी भी विश्वविद्यालय का छात्र अपने क्रेडिट स्कोर के आधार पर दूसरे विश्वविद्यालय में दाखिला ले सकेगा। नई शिक्षा नीति के तहत मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट का कॉन्सेप्ट लागू होगा। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि नई शिक्षा नीति में क्रेडिट स्कोर से ही छात्र-छात्राएं पास होंगे। अब अंक या फीसदी में मेरिट नहीं बनेगी। क्रेडिट स्कोर प्रणाली पूरे देश में समान होगी। उन्होंने बताया कि इस सत्र के बाद से यह पोर्टल काम करना शुरू कर देगा। मतलब, अगले वर्ष से छात्र अपने क्रेडिट स्कोर के आधार पर कॉलेज, शहर या प्रदेश बदल सकेंगे।

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अभी कॉलेज बदलने में भी कमेटी लेती है फैसला

वर्तमान में छात्र-छात्राओं को प्रदेश या विश्वविद्यालय तो दूर कॉलेज बदलना भी मुश्किल का सबब था। छात्र को एक विश्वविद्यालय से संबद्ध दो अलग-अलग कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए कई दस्तावेज का इंतजार करना होता था। दोनों कॉलेजों से एनओसी और विवि की कमेटी की सहमति के बाद ही छात्र कॉलेज परिवर्तन कर सकता है।

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