
लखनऊ. योगी आदित्यनाथ सरकार अब लखनऊ चिड़ियाघर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने पर विचार कर रही है। वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि सरकार इससे संबंधित प्रस्ताव पर विचार कर रही है और सही समय पर फैसला लिया जाएगा।
लखनऊ चिड़ियाघर, जिसे पहले प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डन के नाम से जाना जाता था, उसका नाम बदलकर 2015 में अखिलेश सरकार द्वारा नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल पार्क कर दिया गया था।
चिड़ियाघर ने 100 साल पूरे कर लिए
अधिकारियों ने बताया कि 25 दिसंबर को वाजपेयी की जयंती पर चिड़ियाघर का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर किए जाने की संभावना है। चिड़ियाघर में हर साल लगभग 13 लाख आगंतुक आते हैं। 71 एकड़ में फैले इस चिड़ियाघर को राजधानी का जीवन और गौरव कहा जाता है। इसमें
एतिहासिक महत्व
राजधानी लखनऊ का चिड़ियाघर ऐतिहासिक महत्व को समेटे हुए है। लखनऊ के चिड़ियाघर में 1925 में सबसे पुराना बाड़ा बना था। इस बाड़े में अनेक खासियत हैं। अपने हवादार कमरे व डिजाइन के लिए यह पूरे देश में प्रसिद्ध है इसी बाड़े में जंगल के राजा शेर को रखा जाता है। लखनऊ के चिड़ियाघर की स्थापना 18 वीं सदी में आम के बगीचे के तौर पर हुई थी। उस समय के नवाब नवाब नसीरुद्दीन हैदर द्वारा आम के बाग की स्थापना की गई थी। सबसे पहले इसका नाम बनारसी बाग रखा गया था। 1921 में प्राणी उद्यान की स्थापना की गई जिसके बाद 1926 तक इसमें अलग-अलग जगह पर 16 भवनों का निर्माण किया गया। लखनऊ का चिड़ियाघर अपनी खूबसूरती व जानवरों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। चिड़ियाघर में चलने वाली ट्रेन बच्चों को काफी आकर्षित करती है। छुट्टी के दिनों में बड़ी संख्या में परिवार बच्चों के सात यहां घूमने के लिए आते हैं।
Published on:
30 Nov 2021 04:53 pm
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