scriptयूपी: बीएसए के निरीक्षण में गायब मिले शिक्षक, हेड मास्टर समेत 33 का वेतन रुका | UP Government school open without books and teachers | Patrika News

यूपी: बीएसए के निरीक्षण में गायब मिले शिक्षक, हेड मास्टर समेत 33 का वेतन रुका

locationलखनऊPublished: Jun 23, 2022 01:10:42 pm

Submitted by:

Snigdha Singh

UP Schools: उत्तर प्रदेश में 16 जून से स्कूल खोल दिए गए हैं। कहने को है कि स्कूल बखूबी चल रहे हैं। जब अफसर निरीक्षण करने पहुंचे तो पोल खुल गई।

UP Government school open without books and teachers

UP Government school open without books and teachers

प्रदेश सरकार ने पिछले 16 जून से परिषदीय विद्यालय खोल दिए है। सभी जगह शिक्षण कार्य की शुरुआत हो गई है। स्कूलों में बच्चे भी अब काफी संख्या में पहुंचने लगे है। लेकिन अब समस्या ये आ रही हैं कि कहीं छात्रों के पास किताबें नही हैं तो कहीं स्कूल ही नही है। और अब जब अचानक अफसरों ने निरीक्षण किया तो पता शिक्षक भी गायब है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पिछले चार दिन के भीतर करीब एक सैकड़ा से अधिक परिषदीय विद्यालयों में निरीक्षण किए है। जिसमें 33 लोगों को अनुपस्थित पाया गया है। हालांकि बीएसए ने इन सभी का अनुपस्थित दिनांक का वेतन रोकते हुए एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण तलब किया है।
इस वर्ष प्रदेश सरकार ने गर्मी की छुट्टियों के बाद 16 जून से परिषदीय प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरु कर दिया है। स्कूलों में बच्चे भी पढ़ने के लिए पहुंचने लगे है। वहीं दूसरी ओर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी पहले ही दिन से स्कूलों का निरीक्षण कर रहे है। जिसमें काफी शिक्षकों को अनुपस्थित पाया गया है। सभी से बीएसए ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट बीसए को भेजी है। इनमें 18 शिक्षामित्र, 10 सहायक अध्यापक, एक प्रधानाध्यापक व चार अनुदेशक शामिल है। बीएसए राजीव रंजन मिश्र ने खंड शिक्षाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर इन सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का अनुपस्थित तिथि का वेतन रोक दिया है। सभी को निर्देशित किया कि वह लोग एक सप्ताह के भीतर अपनी अनुपस्थिति के संबंध में लिखित तौर पर जवाब दाखिल करें।
यह भी पढ़े – छात्रों के पास नहीं है किताबें, स्कूल खोलकर क्या पढ़ा रही योगी सरकार

पेड़ के नीचे पढ़ रहे बच्चे

रामपुर में बच्चों के पास स्कूल तक नहीं है। विद्यालय के प्रधानाचार्य अभिषेक मिश्रा ने बताया दोपहर के समय उमस के साथ गर्म हवा चलने से बच्चों का बुरा हाल हो जाता हैं। विद्यालय की ईमारत पुरानी होने के कारण विभाग द्वारा जमीदोज करा दिया गया था। तब से लेकर अब तक बच्चों को बरगद के पेड़ के नीचे मजबूरी में पढ़ना पड़ रहा हैं। वर्तमान में वद्यिालय में पंजीकृत छात्रों की संख्या 132 हैं।
इटावा में बच्चों के नहीं मिली किताबें

परिषदीय स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत शासन से किताबों का निःशुल्क वितरण किया जाता है। इस सत्र में अभी तक किताबें नहीं पहुंची है। पिछले बर्षो में कई चरणो मे किताबें आ जाती थी। इससे नौनिहाल अपनी पढाई शुरू कर देते थे। इस बार किताबों को लेकर छात्र आस लगाये बैठे है। कानपुर, फतेहपुर, इटावा आदि तमाम जिलों में किताबें नही पहुंची. रोजाना विद्यालय आते है गुरू जी से किताबे मिलने की जानकारी करते है लेकिन उनको अभी तक पुस्तके नही मिली है। प्राथमिक विद्यालय हर्राजपुर के प्रधानाध्यापक राहुल शुक्ला के अनुसार किताबे न होने के चलते ब्लैकबोर्ड का ही सहारा लेकर पढा रहे है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो