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कृषि कानून वापस: लखीमपुर खीरी हिंसा से बैकफुट पर मोदी सरकार, प्रियंका गांधी ने बताया किसानों की जीत, अखिलेश बोले- भाजपा ने गरीबों-किसानों को ठगना चाहा

locationलखनऊPublished: Nov 19, 2021 11:56:37 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

UP Leaders Statement on PM Modi Withdrawl of Three Krishi Kanoon- प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास पर्व पर विवादित तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। केंद्र सरकार द्वारा किया गया यह ऐलान किसानों के लिए बहुत बड़ी जीत है।

UP Leaders Statement on PM Modi Withdrawl of Three Krishi Kanoon

UP Leaders Statement on PM Modi Withdrawl of Three Krishi Kanoon

लखनऊ. UP Leaders Statement on PM Modi Withdrawl of Three Krishi Kanoon. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास पर्व पर विवादित तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। केंद्र सरकार द्वारा किया गया यह ऐलान किसानों के लिए बहुत बड़ी जीत है। कृषि कानून की वापस पर यूपी के नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। बात दें कि कृषि कानून वापस लेने में लखीमपुर खीरी हिंसा ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। सितंबर 2020 में संसद ने तीन किसान बिलों को पास किया था। जबकि किसान इन तीनों बिलों का विरोध बिलों के पास होने के पहले से ही कर रहे थे। किसानों ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में आंदोलन किया जो कि 26 नवंबर, 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर आकर रुका। इसके बाद जनवरी 2021 ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इन कृषि कानूनों (Krishi Kanoon) पर रोक लगा दी।
सितंबर से शुरू हुए आंदोलन के दौरान कई तरह की अनगिनत घटनाएं हुईं। किसानों का दावा है कि दिल्ली कूच करने तक आंदोलन के दौरान करीब 700 किसान शहीद हुए। इन सब में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा ने सबसे ज्यादा विख्यात रूप ले लिया। लखीमपुर खीरी हिंसा में किसानों को कार से कुचले जाने तक की घटना शामिल है। सरकार की तरफ से किसान आंदोलन को जाट बनाम गुर्जर करार दिये जाने लगा। इस आंदोलन के राजनीतिकरण की भी कोशिशें हुईं। विपक्षी दलों ने किसानों को न्याय का भरोसा देते हुए केंद्र सरकार पर हमला किया। उधर, किसानों ने अपना आंदोलन जारी रखा। किसान आंदोलनकारियों ने अपने क्षेत्रों में भाजपा नेताओं के प्रवेश पर बैन लगाया तो उसको लेकर भी टकराव हुआ। 14 अक्टूबर 2020 से लेकर 22 जनवरी 2021 तक किसानों सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई।
नेताओं की प्रतिक्रिया

https://twitter.com/yadavakhilesh/status/1461569547958370306?ref_src=twsrc%5Etfw
केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लेने पर यूपी के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, ”अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।”
किसान की सदैव जय

https://twitter.com/priyankagandhi/status/1461566835950641156?ref_src=twsrc%5Etfw
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कृषि कानून वापस लिए जाने को किसानों की जीत बताया। उन्होंने कहा, ”आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है। किसान की सदैव जय होगी। जय जवान, जय किसान, जय भारत।” एक अन्य ट्वीट में कहा, ”अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी – कि यह देश किसानों ने बनाया है, यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती।”
एमएसपी को लेकर भी करें फैसला

कृषि कानून वापसी पर बसपा प्रमुख मायावती ने किसानों को बधाई दी। मायावती ने कहा कि फैसला लेने में देरी कर दी। मायावती ने कहा कि यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था। एमएसपी को लेकर भी सरकार फैसला करे। इस आंदोलन के दौरान किसान शहीद हुए हैं, उन्हें केंद्र सरकार आर्थिक मदद और नौकरी दे।
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