
UPMRC ने पेश किया अपना 2047 तक का मॉडल, PC- UPMRC
लखनऊ : यूपी सरकार ने 'विकसित यूपी@2047' का लक्ष्य रखा है। ऐसे में मेट्रो की कनेक्टिविटी बहुत ही महत्वपूर्ण और कारगर है। सोचिए, अगर आने वाले दो दशकों में उत्तर प्रदेश के सात शहरों में मेट्रो की चमचमाती लाइनें, सड़कों को हाईवे की तरह जोड़ दें, तो शहरों की हलचल कैसे बदल जाएगी। यही सपना बुन रही है उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल निगम (यूपीएमआरसी)।
राज्य सरकार के 'विकसित यूपी@2047' विजन के तहत उन्होंने एक ऐसा प्लान पेश किया है, जिसमें 2047 तक कुल 850 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क बिछाने का इरादा है। इसमें लखनऊ, कानपुर और आगरा को खास तवज्जो मिलेगी। यहां 350 किलोमीटर से ज्यादा नई लाइनें जुड़ेंगी। यह सब कुछ शहरी सफर को आसान बनाने, प्रदूषण की मार कम करने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए है।
यह खबर गुरुग्राम में चल रही 18वीं अर्बन मोबिलिटी इंडिया (यूएमआई) कॉन्फ्रेंस एंड एक्सपो 2025 के आखिरी दिन, यानी रविवार को सामने आई। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 7 नवंबर को इस तीन दिन के इवेंट का आगाज किया था, जहां शहरी ट्रांसपोर्ट के नए-नए आइडियाज, पॉलिसी डिस्कशन और सस्टेनेबल ग्रोथ पर खुलकर बात हुई। यूपीएमआरसी के एमडी सुशील कुमार ने 'गैर-किराया राजस्व की स्ट्रैटेजी' सेशन में इस विजन को सबके सामने रखा। उन्होंने साफ बताया कि अभी लखनऊ में 23 किमी, कानपुर में 9 किमी और आगरा में 6 किमी मेट्रो दौड़ रही है। ऊपर से कानपुर में 23 किमी और आगरा में 24 किमी निर्माणाधीन हैं। कुल मिलाकर इन तीन शहरों के लिए 303 किमी का एक्सपैंशन प्लान है, जो पूरे 850 किमी के टारगेट का मजबूत आधार बनेगा।
कुमार ने कहा कि मेट्रो सिर्फ ट्रेनों का खेल नहीं, यह यात्रियों को सुरक्षित, बिना झंझट के सफर देगी, तो साथ ही स्टेशनों को बिजनेस और सोशल एक्टिविटीज का हब भी बदल देगी। नॉन-फेयर रेवेन्यू बढ़ाने के चक्कर में प्रॉपर्टी डेवलपमेंट से लेकर ऐडवरटाइजिंग, स्टेशन एरिया में शॉपिंग स्टॉल्स, बुक फेयर्स, एनजीओ और सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स के स्टॉल्स तक सब कुछ आजमाया जा रहा है। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि यूपीएमआरसी का नॉन-फेयर इनकम अब कुल कमाई का 40 फीसदी तक हो गया है। यह पैसा ऑपरेशन और मेंटेनेंस के खर्चे को संभालने में बड़ा सहारा बन रहा है।
'आई-मेट्रो' के लेटेस्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (केवीपीआई) में यूपीएमआरसी ने टियर-2 शहरों की बाकी मेट्रो सिस्टम्स को पीछे छोड़ दिया है। सुशील कुमार ने गर्व से बताया कि फाइनेंशियल और ऑपरेशनल पैरामीटर्स में हम टॉप पर हैं। यह दक्षता, पैसेंजर्स की खुशी और रेवेन्यू मैनेजमेंट की ताकत दिखाता है। विजन डॉक्यूमेंट में लखनऊ-कानपुर-आगरा के अलावा वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ और गोरखपुर जैसे सात शहरों को वर्ल्ड-क्लास मेट्रो हब बनाने का जोर है। 'विकसित यूपी@2047' के तहत यहां शहरीकरण को 35 फीसदी तक पहुंचाने का सपना भी बुन लिया गया है।
यूएमआई कॉन्फ्रेंस को गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने होस्ट किया, और इसने शहरी ट्रांसपोर्ट के इनोवेशन्स को नई उड़ान दी। हरियाणा के सीएम ने 8 नवंबर को हिस्सा लिया, जहां सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट सॉल्यूशंस पर नजर रही। कुल मिलाकर, यह इवेंट भारत को ग्लोबल अर्बन मोबिलिटी लीडर बनाने की राह में एक सॉलिड स्टेप लगता है।
Published on:
10 Nov 2025 05:40 am
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