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अनूप चंद्र पांडेय हुए रिटायर, इस वरिष्ठ IAS अफसर को बनाया गया कार्यवाहक मुख्य सचिव, हुआ बड़ा ऐलान

उत्तर प्रदेश सरकार में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय का कार्यकाल आखिरकार आज समाप्त हो गया।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Aug 31, 2019

Anoop

Anoop

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) में मुख्य सचिव (Chief Secretary) अनूप चंद्र पांडेय का कार्यकाल आखिरकार आज समाप्त हो गया। इसी को देखते हुए शनिवार को वरिष्ठ आईएएस राजेन्द्र कुमार तिवारी (Rajendra Kumar Tiwari) को कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाया गया है। सरकार द्वारा जारी पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि मुख्य सचिव के पद पर नियमित नियुक्ति होने तक आरके तिवारी (RK Tiwari) को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। वहीं कुछ दिनों में स्थायी मुख्‍य सचिव का फैसला हो जाएगा।

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नहीं मिला सेवा विस्तार-

इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि अनूप चद्र पांडेय (Anoop Chandra Pandey) को दोबारा सेवा विस्तार दिया जा सकता है, लेकिन सीएम योगी (CM Yogi) ने दूसरी बार सेवा विस्तार नहीं देने का निर्णय लिया है। वरिष्ठ आईएएस (IAS) राजेन्द्र कुमार तिवारी (Rajendra Kumar Tiwari) को कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाया गया है।

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हमीरपुर के रहने वाले हैं आरके तिवारी-

राजेन्द्र कुमार तिवारी 1985 बैच के यूपी कैडर के आईएएस ऑफिसर हैं। आरके तिवारी कृषि उत्पादक आयुक्त हैं। वह मूलतः हमीरपुर के रहने वाले हैं। मुख्य सचिव की रेस में तीन वरिष्ट आएएस अफसरों के नाम लिए जा रहे थे, जिनमें आरके तिवारी का नाम भी शामिल था, हालांकि उन्हें कार्यवाहक मुख्य सचिव ही बनाया गया है। इनके अलावा दुर्गा शंकर मिश्र व 1984 बैच के संजय अग्रवाल के नामों की चर्चा थी।

अनूप चंद्र पांडेय को मिला था सेवा विस्तार-

1984 बैच के आईएएस अफसर अनूप चंद्र पिछले वर्ष जून में मुख्य सचिव के पद पर तैनात हुए थे। मुख्य सचिव रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यों में अपना अहम योगदान दिया। बीते वर्ष फरवरी में लखनऊ में हुए इंवेस्टर्स समिट के आयोजन में अनूपचंद्र पांडेय की महत्वपूर्ण भूमिका रही। साथ ही किसानों की कर्जमाफी (Farmers Debt waiver) व कई अन्य बड़ी योजनाओं को पूरा करने में भी इनका बड़ा योगदान रहा। इसको ध्यान में रखते हुए ही उनका सेवा विस्तार किया गया। वे 28 फरवरी को रिटायर होने वाले थे, लेकिन 6 महीने का उन्हें एक्सटेशन मिल गया। यही नहीं उस दौरान मुख्य सचिव की रेस में 13 आइएएस (IAS) अफसरों को उन्होंने पछाड़ा था।