
24 घंटों में 25 लोगों की मौत, आकाशीय बिजली बनी काल फोटो सोर्स :Patrika
UP News Natural Disaster: उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पिछले 24 घंटों के भीतर वर्षाजनित हादसों ने भयावह रूप ले लिया है। राहत आयुक्त कार्यालय, लखनऊ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में कुल 25 लोगों की दर्दनाक मौत की पुष्टि हुई है। इन हादसों में अधिकांश मौतें आकाशीय बिजली गिरने के कारण हुई हैं, जिसने कई परिवारों को हमेशा के लिए उजाड़ दिया।
यह हादसे प्रदेश के कुल 14 जिलों में सामने आए हैं, जिनमें प्रयागराज, लखनऊ, बलरामपुर, जौनपुर, संभल, गोरखपुर, ललितपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, शाहजहांपुर, बरेली, बिजनौर, हरदोई सहित कई अन्य जिले शामिल हैं। सबसे अधिक जानलेवा घटना प्रयागराज जिले में हुई, जहां एक ही परिवार के चार सदस्यों,पति, पत्नी और उनके दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। यह घटना न सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गहरी संवेदना का कारण बन गई है।
जौनपुर जिले में एक अन्य हृदय विदारक घटना सामने आई, जहां एक ही परिवार के तीन बच्चों की जान चली गई। इसी तरह शाहजहांपुर और कानपुर देहात जिलों में 45-45 वर्षीय पुरुषों की मौत की पुष्टि की गई है। ललितपुर और गोरखपुर में किशोर और महिलाएं आकाशीय बिजली की चपेट में आ गईं। ऐसी घटनाएं यह स्पष्ट करती हैं कि प्राकृतिक आपदा किसी को नहीं छोड़ती चाहे वह बच्चा हो, बुजुर्ग हो या जवान।
राहत आयुक्त कार्यालय ने पुष्टि की है कि सभी जन हानियों की सूचना संबंधित जिलों को भेज दी गई है और प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसमें तत्काल मुआवजा, राहत सामग्री वितरण और आवश्यक चिकित्सा सहायता की व्यवस्था शामिल है।
राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘आपदा राहत योजना’ के तहत प्रभावितों को आर्थिक सहायता दी जाती है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि बिजली गिरने से हुई मौतों को ‘प्राकृतिक आपदा’ की श्रेणी में रखा गया है और प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹4 लाख की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में तेज बारिश और आंधी-तूफान के साथ आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। इसके मद्देनजर, उत्तर प्रदेश सरकार ने आमजन से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान खेतों, निचले इलाकों या खुले स्थानों में जाने से परहेज करें।
सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि बारिश और बिजली के दौरान पेड़ों के नीचे या खुले मैदानों में खड़े न हों। मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का खुले में उपयोग न करें। सुरक्षित आश्रय स्थानों में ठहरें और रेडियो, टीवी या मोबाइल के जरिए मौसम की ताजा जानकारी लेते रहें।
ये घटनाएं यह दर्शाती हैं कि मौसम अब पहले जैसा नहीं रहा। जलवायु परिवर्तन ने जहां एक ओर मौसमी असंतुलन को जन्म दिया है, वहीं दूसरी ओर इसकी वजह से आपदाएं अधिक घातक बनती जा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक गर्मी और आर्द्रता के बीच अचानक बिजली गिरने की घटनाएं अब सामान्य होती जा रही हैं, जिससे जनहानि की आशंका बढ़ जाती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञ इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि ऐसे हालातों में आमजन की जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। स्कूलों, पंचायतों और ग्राम सभाओं में लोगों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है, ताकि वे बिजली गिरने के संकेतों को पहचान सकें और सही समय पर सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ सकें।
| जनपद | मृतकों की संख्या |
| प्रयागराज | 5 |
| जौनपुर | 3 |
| लखनऊ | 2 |
| बलरामपुर | 2 |
| शाहजहांपुर | 2 |
| कानपुर देहात | 2 |
| गोरखपुर | 2 |
| ललितपुर | 2 |
| संभल | 1 |
| कन्नौज | 1 |
| बरेली | 1 |
| बिजनौर | 1 |
| हरदोई | 1 |
| कुल | 25 |
Updated on:
16 Jun 2025 07:51 am
Published on:
16 Jun 2025 07:45 am
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