
वोटों की गिनती सभी प्रत्याशियों के एजेंटों के सामने होती है।
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव चल रहे हैं। निगमों और पालिकाओं में लाखों की संख्या में वोट पड़ता है। वहीं नगर पंचायतों और वार्ड में अक्सर बहुत कम अंतर से हार-जीत होती है। ऐसे में कई बार ऐसा भी हो जाता है कि दो कैंडिडेट के बराबर वोट हो जाते हैं।
बराबर वोट आए तो जीता कौन?
इलेक्शन कमीशन का नियम ये है कि अगर दो प्रत्याशियों की वोट बराबर निकलें तो फिर से गिनती हो। इसके बाद भी वोट बराबर ही रहें तो फिर लॉटरी से हारजीत का फैसला हो।
वोट बराबर रहने पर निर्वाचित पदाधिकारी दोनों प्रत्याशियों के नाम की पर्ची बनाकर लॉटरी निकालेंगे। जिस भी प्रत्याशी के पक्ष में पर्ची निकले। उसे उसकी वोट की तरह गिना जाएगा। इसके बाद उसको विजेता घोषित कर दिया जाएगा।
रामपुर में निकले थे बराबर वोट
रामपुर में 20 साल पहले ऐसा हुआ था, जब दो प्रत्याशियों के वोट बराबर निकले थे। वार्ड 7 से हरिराज सिंह और अवतार सिंह के बराबर वोट निकले। दोबारा काउंटिग हुई तो भी वोट कम-ज्यादा ना हुए। इसके बाद लॉटरी सिस्टम हुआ और हरिराज सिंह को जीत मिली।
4 मई को पहले चरण की वोटिंग
उत्तर नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण के लिए 2 मई की शाम 6 बजे से चुनाव प्रचार थम गया है। पहले चरण का चुनाव 4 मई को होगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने मतदान निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ कराने के निर्देश दिए हैं।
पहले चरण में 37 जिलों में वोटिंग होगी। इस चरण में 10 मेयर, 103 नगर पालिका परिषद चेयरमैन और 275 अध्यक्ष नगर पंचायत चेयरमैन का फैसला होना है। राजधानी लखनऊ में भी 4 मई को ही वोट पड़ेंगे।
Updated on:
03 May 2023 02:09 pm
Published on:
03 May 2023 02:06 pm
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