Old Age Pension Scheme : यूपी में 51 लाख बुजुर्गों को हर महीने मिल रहे हैं 500 रुपए, घर बैठे ऐसे बनवाएं वृद्धा पेंशन
- बुजुर्गों को Old Age Pension Scheme देने में योगी सरकार सबसे आगे
- Old Age Pension Scheme में हर महीने बुजुर्गों को मिलते हैं 500 रुपए
- ऑनलाइन तरीके से घर बैठे बनवा सकते हैं वृद्धावस्था पेंशन
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत सीधे लाभार्थियों के खाते में आते हैं रुपए

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बुजुर्गों को पेंशन (Old Age Pension Scheme) देने के मामले में सबसे आगे है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में अब 51 लाख से अधिक बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ दिया गया है जो केंद्र सरकार के 43.45 लाख लोगों को जोड़ने के लक्ष्य से करीब सात लाख अधिक है। इस योजना से जुड़ने के बाद बुजुर्गों को 500 रुपये प्रतिमाह मिल रहा है, जिसके चलते किसी जरूरत के लिए उन्हें अब परिवार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत सीधे लाभार्थियों के खाते में रकम भेजी रही है।
उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन व निस्तारण किया जा रहा है, जिसके चलते लाभार्थी तेजी से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। यही कारण है कि सूबे में जहां 2017 के पहले 36 लाख वृद्धावस्था पेंशन धारक थे, आज 51 लाख बुजर्ग इस योजना का लाभ रहे हैं। यानी सरकार ने तीन वर्षों में 15 लाख नए पेंशनधारकों जोड़ा। बुजुर्गों को पेंशन के लिए सरकार 3 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। वृद्धावस्था पेंशन कैसे बनवाएं, जानने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें-
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सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सीएम योगी ने सत्ता में आते ही वर्ष 2017-2018 में ही ग्राम विकास विभाग द्वारा सर्वे कराया था, जिसमें पाया गया कि करीब 9 लाख बुजुर्गों को पात्र होने के बावजूद पिछली सरकारों में वृद्धावस्था पेंशन योजना से वंचित रखा गया था। इसके बाद प्रदेश के हर जिले में अभियान चलाकर पात्र बुजुर्गों को योजना से जोड़ने के लिए जगह-जगह कैंप लगाए गए। साथ ही विभिन्न स्तरों पर रुके हुए अन्य आवदेनों पर भी तेजी से कार्रवाई हुई। इसी का नतीजा रहा कि देखते ही देखते महज तीन सालों में प्रदेश के करीब 15 लाख नए बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन योजना से जोड़ने का रिकार्ड बन गया।
केंद्र सरकार के लक्ष्य को छोड़ा पीछे
उप निदेशक समाज कल्याण जयराम ने बताया कि बुजुर्गों को पेंशन देने के लिए केंद्र सरकार ने 43.45 लाख लोगों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा था, जिसे किसी भी सरकार में अब तक पूरा नहीं किया जा सका था। लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र सरकार के 43.45 लाख से अधिक 51,21,454 लाभार्थियों को वृद्धापेंशन योजना से जोड़कर एक नया रिकार्ड बना दिया।
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दोगुना हुआ पेंशन की राशि पर खर्च
अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण ने बताया कि 2017 के पहले जहां प्रदेश के बुजुर्गों को 300-400 रुपये की धनराशि मिलती थी वहीं योगी सरकार ने उसे बढ़ाकर 500 रूपये कर दिया है। प्रदेश में नए पेंशनरों के बढ़ने से जहां पहले सरकार करीब 15 सौ करोड़ रुपये खर्च करती थी अब वहीं अब खर्च होने वाली धनराशि दोगुनी हो गई है। वर्तमान में 51 लाख से अधिक पेंशनरों पर लगभग तीन हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते पेंशनधारकों की आर्थिक समस्या दूर करने के लिए हर बुजुर्ग को एक-एक हजार रुपये की अतिरिक्त धनराशि में योगी सरकार की ओर से 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई।
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पूर्वांचल टॉप पर, आजमगढ़ जिला सबसे आगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वाचंल के जिलों की निरंतर समीक्षा बैठक कर अफसरों को निर्देश देते रहे। इसका ही नतीजा रहा कि पूर्वांचल में जिन बुजुर्गों को योजना का लाभ नहीं मिल सका था उन्हें भी योजना का लाभ मिला। इतना ही नहीं पूर्वांचल में आजमगढ़ 62052 नए बुजुर्गों को योजना से जोड़ने में पहले स्थान पर, बलिया 55676 बुजुर्गों को जोड़कर दूसरे स्थान पर अंबडेकरनगर 49621 बुजुर्गों को योजना से जोड़ने में तीसरे स्थान पर रहा।
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