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लखनऊ प्रोटेस्ट: प्रदर्शनकारियों के कंबल छीनने पर ट्रोल हुई यूपी पुलिस, स्पष्टीकरण जारी कर कही ये बात

- सीएए और एनआरसी को लेकर लखनऊ के घंटाघर में हुआ प्रदर्शन - प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने छीने कंबल - सोशल मीडिया पर उड़ी धज्जियां - ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #कंबल_चोर_यूपी_पुलिस

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लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) के विरोध में लखनऊ के घंटाघर में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं पर यूपी पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू किया, तो उनकी कार्रवाई के तरीके पर कई सवाल उठने लगे। जिस कारण यूपी पुलिस को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया। शुक्रवार से लखनऊ के घंटाघर (Lucknow Protest) में जारी हुए प्रदर्शन में भारी तादाद में महिलाएं शामिल रहीं। इसमें पुरुष प्रदर्शनकारियों ने भी उनका साथ दिया। घंटों लंबे चले इस धरने को रोकने के लिए शनिवार देर रात पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के कंबल छीन उन पर कार्रवाई की, तो सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस को ट्रोल किया गया। लोगों ने उनके कार्रवाई करने के तरीके पर सवाल उठाया। यही नहीं ट्वीटर पर #कंबल_चोर_यूपी_पुलिस' भी ट्रेंड करने लगा। इस बीच रविवार को पुलिस ने स्टेटमेंट जारी कर कंबल हटाए जाने का कारण बताया।

पुलिस ने दी ये सफाई

जारी स्टेटमेंट में कहा गया कि शहर के घंटाघर पार्क में अवैध रूप से धरना प्रदर्शन चल रहा था। कुछ लोगों ने वहां रस्से और डंडे से घेरा बनाकर शीट लगाया था जिसे लगाने से मना किया गया था। कुछ संगठन के लोगों द्वारा पार्क में कंबल वितरित किया जा रहा था जिससे आसपास के लोग जो धरने में सम्मलित नहीं थे, वह भी कंबल लेने आ रहे थे। पुलिस ने वही कंबल और उन संगठन के लोगों को वहां से हटाया। कंबलों को विधिक तरीके से कब्जे में लिया गया। इसलिए अफवाह न फैलाएं।

इस वजह से लगे आरोप

आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं द्वारा बनाई गई बैरीकेडिंग की रस्सियां खोल दीं, टेंट लगाने का सामान भी गाड़ियों में भर लिया था। यही नहीं पुलिस ने आसपास की दुकानें बंद करवा दीं और शौचालय में ताला डलवा दिया था। ठंड से बचने के लिए जलाए गए अलाव पर पुलिस ने पानी डाला और प्रदर्शनकारियों द्वारा साथ लाए कंबल को जब्त कर लिया था। कंबल जब्त किए जाने की तस्वीरों सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिसमें यूपी पुलिस की काफी धज्जियां उड़ीं।

प्रदर्शनकारियों ने लगाए आरोप

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके खाने पीने के सामान ले गई। छह मददगारों का चालान किया। इस बीच पुलिस को रोकने के लिए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाकर उनका रास्ता रोका। उन्होंने पुलिस को शांतिपूर्वक प्रदर्शन का संदेश दिया। कई महिलाओं ने पुलिस अफसरों को फूल देकर अपने साथ आने की अपील की।

भड़काने वालों का किया चालान

एडीसीपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति के टेंट लगाया था। जो सामान बिना अनुमति के लगाए गए थे, उन्हें ही जब्त किया गया था। प्रदर्शनकारियों को भड़काने की कोशिश करने वालों का चालान काटा गया। पुलिस का कहना है कि उनपर लगे बाकी आरोप बेबुनियाद हैं।

बता दें कि सीएए और एनआरसी को लेकर दिल्ली के शहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन की आहट लखनऊ के घंटाघर तक पहुंच गई है। शुक्रवार तकरीबन 12 महिलाओं ने हुसैनाबाद के क्लॉक टावर पर धरना देना शुरू किया। शाम होने तक कई अन्य महिलाएं भी धरने से जुड़ने लगीं। शनिवार सुबह तक धरना करने वाली महिलाओं की संख्या 500 पार पहुंच गई। देर रात तक यह आंकड़ा हजार पार कर गया।

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने खुद ही बैरिकेडिंग लगा दी। उन्होंने क्लॉक टावर के सामने रस्सियों से दो घेरे बना दिए। बाहरी घेरे के अंदर मीडिया को आने की इजाजत थी जबकि घेरे के अंदर प्रदर्शनकारी महिलाएं थीं। लंबे धरने के बाद प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए गई पुलिस की जब किसी से न सुनी, तो पुलिस ने उनके कंबल छीन लिए। साथ ही उनके टेंट भी हटाए गए।

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