11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूपी पुलिस डिग्री कॉलेजों में छात्रों से करेगी सीधी संवाद, भारतीय दंड संहिता के बारे में देगी पूरी जानकारी

उत्तर प्रदेश पुलिस अब एक पब्लिक ऑफिसर के रूप में महाविद्यालयों में युवाओं को बढ़ रहे ऐसे अपराधों एवं उनके करने पर भारतीय दंड संहिता के तहत मिलने वाले सजा समेत अन्य प्रावधानों से अवगत कराएगी।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Neeraj Patel

Dec 25, 2019

यूपी पुलिस डिग्री कॉलेजों में छात्रों से करेगी सीधी संवाद, भारतीय दंड संहिता के बारे में देगी पूरी जानकारी

यूपी पुलिस डिग्री कॉलेजों में छात्रों से करेगी सीधी संवाद, भारतीय दंड संहिता के बारे में देगी पूरी जानकारी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस अब एक पब्लिक ऑफिसर के रूप में महाविद्यालयों में युवाओं को बढ़ रहे ऐसे अपराधों एवं उनके करने पर भारतीय दंड संहिता के तहत मिलने वाले सजा समेत अन्य प्रावधानों से अवगत कराएगी। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को रोकने में लचर कानून व्यवस्था से ज्यादा इनसे बचने के लिए पूर्व प्रयासों में कमी दूर करने के लिए इस अभियान की शुरूआत की जा रही है। युवाओं को भारतीय दंड संहिता में महिलाओं के प्रति जघन्य अपराधों के कारण मिलने वाली सजा से अवगत कराया जाएगा। इस मुहिम को शुरू करने की पहल उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने की है। जहां पुलिस एक पब्लिक ऑफिसर के रूप में महाविद्यालयों में महीने में एक बार युवाओं को जागरुक करेगी।

शिक्षाविदें का मानना है कि पुलिस व्यवस्था का स्वरूप समाज में अपराध होने के उपरांत मात्र दोषी को दंडित करने का नहीं, बल्कि नागरिक अव्यवस्था फैलने से बचाने के लिए है। मौजूदा व्यवस्था में अपराधों से बचने के लिए पूर्व प्रयास न के बराबर रहे हैं। अपराध घटित होने के बाद केवल कानूनी जांच एवं आपराधिक आपातकाल के लिए कानून का लागू करना ऐसी मानसिक विकृतियों का समाधान नहीं है। नागरिक अव्यवस्था को बचाने के लिए जरूरी है कि युवाओं को महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को न करने और अपराध करने पर मिलने वाली सजा के बारे में जरूर बताया जाएगा।

मानसिक विकृति को दूर करना मुख्य उद्देश्य

उत्तर प्रदेश के दोनों मंडलों में मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, हापुड़, बागपत और गौतमबुद्धनगर के नौ जिले हैं। जिनके 18 सरकारी, 50 अशासकीय अनुदानित और 1002 स्व वित्त पोषित महाविद्यलयों में करीब साढ़े तीन लाख छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि इस मुहिम से महिलाओं के प्रति होने वाले जघन्य अपराधों में शून्यता आ सकती है। मानसिक विकृति को दूर कर समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने में यह कदम काफी प्रभावी साबित होगा।

छात्रों के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश

उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम का कहना है कि पुलिस कुछ नहीं कर रही, यह सही नहीं हैे लेकिन जघन्य अपराध होने के उपरांत मिलने वाले पीड़ादायक दंड की जानकारी होने से निश्चित सुधार आएगा। इससे महिलाओं समेत अन्य तरह के अपराधों में कमी आएगी। साथ ही यह मुहिम छात्रों के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी सहायक होगी।