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Data Hackers: मास्को के हैकर्स आगे, यूपी रोडवेज पीछे

करीब दस दिन पहले हैक हुआ यूपी रोडवेज का डाटा और ऑनलाईन टिकटिंग सिस्टम अभी भी पटरी पर नहीं आ पाया है। हांलाकि रोडवेज ने यात्रियों के पैसे वापसी की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।

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यूपी रोडवेज की जनरथ सेवा बस

यूपी रोडवेज को आप देश का सबसे बड़ा सडक़ परिवहन निगम कह सकते हैं कारण कि इसके बेड़े में दिनरात 11 हजार रोडवेज बसें सेवा देती हैं। उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम से रोजाना 17 से 21 लाख यात्री छोटी से लंबी दूरी तक यात्राएं करते हैं। रोजाना तकरीबन 20 करोड़ रुपए के टिकट का राजस्व भी रोडवेज को प्राप्त होता है। परिवहन के इतने बड़े सिस्टम के होने के बावजूद यूपी रोडवेज की ऑनलाईन सेवाएं जहां फिसड्डी हैं, तो वहीं इसकी बेवसाइट और एप की सुरक्षा भी पुख्ता नहीं है। करीब दस दिन पहले हैक हुआ डाटा सिस्टम अभी तक पटरी पर नहीं लौट सका है।

मास्को में है हैकर्स ?
रोडवेज के सूत्र बताते हैं कि अभी तक रोडवेज का डाटा हैकर्स के हाथों में है और वे कहीं विदेश में बैठकर खेल कर रहे हैं। जबकि मुख्यालय के अधिकारी कहते हैं कि तकनीकी टीम से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार हैकर्स मास्को के हैं। सवाल है कि रोडवेज का इतना बड़ा तंत्र होने और ऑनलाईन टिकटिंग से लेकर रोजाना करोड़ों का टर्न-ओवर होने के बावजूद इतना फिसड्डी सिस्टम क्यों है, जो कभी हैक हो जाता है, तो कभी ई-टिकटिंग फेल हो जाता है, तो कभी सर्वर डाउन हो जाता है।

राही एप भी बना खिलौना
तकरीबन एक माह पूर्व खूब धूमधाम से उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम ने राही एप लांच किया था। नई बसों को झंडी दिखाकर रवाना करने खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे और इसी अवसर पर राही एप भी लांच किया गया था। इसके अलावा यूपी रोडवेज का यूपीएसआरसीटीस एप पहले से काम कर रहा है। लेकिन सवाल है कि इन सारे एप और बेवसाइट के सुरक्षा का क्या इंतजाम है, जब सभी डाटा हैक कर लिया जा रहा है। ऐसे में रोडवेज अपने यात्रियों का भरोसा कैसे जीतेगा ?

महाराष्ट्र की कंपनी हो चुकी है ब्लैक लिस्ट
रोडवेज ने अपने ई-टिकटिंग मशीनों के लिए महाराष्ट्र की एमर्सन कंपनी को ठेका दिया था। लेकिन खेल कुछ ऐसा हुआ कि टिकटों का सारा पैसा कंपनी के खाते में जाने लगा जिसके बाद इस कंपनी का टेंडर रद्द कर उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था। दुबारा फिर से महाराष्ट्र की ही दूसरी कंपनी को ठेका दिया गया तो हैकर्स ने सारा डाटा इंक्रीप्ट कर लिया है, जिसे रिकवर कर पाना रोडवेज के परंपरागत आईटी जानकारों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है।

क्या कहते हैं परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह
रोजाना अपडेट ले रहा हूं, महाराष्ट्र की कंपनी को अभी तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। नए एमडी पर फैसला सरकार करेगी। केंद्र की सुरक्षा एजेसिंयों से सहयोग लिया जा रहा है।